निर्मल कुमार साह की रिपोर्ट,
गोरखधंधा:अफसरों की मिली भगत से बढ़ा ईट भट्ठे का अवैध कारोबार

पाकुड़िया/पाकुड़प्रखंड के कई इलाकों में अवैध ईंट भट्ठे का कारोबार फलता फूलता दिख रहा है।अवैध तरीके से प्रखंड के कई इलाकों में लगाये जा रहे ईंट भट्टे को रोकने में स्थानीय प्रशासन उदासीन है।पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र के गणपुरा,सिमपुर,पाकुड़िया, बनोग्राम,जैसे दर्जनों गांव और बांसलोई नदी से सटे अवैध रूप से संचालित है।ज्ञात हो कि नदी के किनारे फल-फूल रहे इस अवैध कारोबार के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।बताते चलें कि पाकुड़िया प्रखंड के अंतर्गत गणपुरा पंचायत क्षेत्र में अधिकतर घर बंगला ईटा से बनते हैं,जिसके कारण पूरे प्रखंड में बांग्ला ईट की काफी मांग है।ईंट भट्टा लगाने वाले सारे नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अपना कारोबार चला रहे हैं।इन भट्टो में अवैध कोयला को भारी मात्रा में खपाया जाता है।वहीं ईंट भट्टा के कारोबार से आसपास के गांव में प्रदूषण फैल रहा है।
स्थानीय ग्रामीणो का कहना है कि अवैध तरीके से ईंट भट्टा का कारोबार किया जा रहा है,इससे बांसोई नदी पर भी असर पड़ रहा है।मिट्टी की कटाई होने से नदी का जीवनकाल भी घट रहा है।ज्ञातव्य हो कि ईट भट्टे लगाने के लिए अपनी रैयती जमीन होनी चाहिए।निजी उपयोग के लिए जमीन में एक लाख तक ईट बनाया जासकता है।लेकिन ईट भट्टा लगाने वाले अधिकतर लोग कारोबारी हैं, जो कि पांच लाख से लेकर बीस-पच्चीस लाख तक के भट्टे लगाते हैं।