
जामा/दुमका
जामा प्रखंड के ढोढली पंचायत अंतर्गत आसनसोल गाँव मे श्रीमद्भागवत कथा रविवार से प्रारम्भ हो गया।कथा से पूर्व धूमधाम के साथ कलश यात्रा निकाली गई। सिर पर कलश धारण लिए महिलाएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं।कलश यात्रा में गांव की परिक्रमा कर भागवत कथा स्थल तक पहुंची।भागवत आचार्य हिमांशु महाराज ने विधिविधान से पूजा अर्चना के बाद कलश यात्रा का शुभारंभ किया। कलश यात्रा पूरे गांव में भ्रमण किया। भक्तों के जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। पीले वस्त्रों और चुनरी धारण किए हुए महिलाओं ने कलश को सिर पर रखकर प्रभु का स्मरण करते हुए भक्ति मय वातावरण में भक्ति संगीत के साथ नृत्य करते कथास्थल तक लाईं। इस कलश यात्रा को देखने के लिए सड़कों और अपने घरों की छत से लोगों ने देखकर कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्रभु से कामना की।श्रीमदभागवत जी के महात्म के प्रथम अध्याय के पहले श्लोक में कथा वाचक फणीभूषण महाराज द्वारा सत-चित-आनन्द स्वरूप परमात्मा की स्तुति की गई। जिसके द्वारा इस जगत की उत्पत्ति, पालन तथा विनाश आदि हो रहा है, तथा जो इस जगत के प्राणिंयों को उसके जीवन में व्यापत त्रितापों (दैहिक, दैविक तथा भौतिक तापों) अर्थात कष्टों से मुक्ति प्रदान करने वाला है।कथा में बताया गया कि परमात्मा सत-चित-आनन्द स्वरूप है सत अर्थात परमात्मा नित्य है शाश्वत है।कथा के आयोजक रंजीत, मिथुन, महेश,सुबोध, विकास, मुन्ना, संतोष, संजीत, बाबू व समस्त ग्रामवासी का सहयोग रहा।