
पटना 12 Jan, (Rns): पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने दो नाबालिग लड़कियों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शहर के बाहरी इलाके फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन के एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। महादलित समुदाय की 8 और 13 साल की दो लड़कियां सोमवार को खाना पकाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करने गईं और गायब हो गईं। उनके परिवार के सदस्यों ने उसी दिन पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, लेकिन सब इंस्पेक्टर ने उन्हें खुद ही तलाश करने को कहा। अगले दिन, पीड़ित बच्चियों को फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन के तहत हिंदुनी गांव के पास एक गड्ढे में लावारिस पाया गया। 8 साल की बच्ची मृत पाई गई, जबकि दूसरी बेहोश पाई गई और उसे एम्स-पटना में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर है।
मिश्रा ने कहा, “हमने इस संबंध में दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि, उनकी संलिप्तता अभी तक सबित नहीं हुई है। हम आरोपियों को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं। जांच के दौरान एक एसआई की लापरवाही हमारे सामने आई और हमने उसे तुरंत निलंबित कर दिया।” उन्होंने कहा, “जीवित बची बच्ची का एम्स-पटना में इलाज चल रहा है। वह कुछ पुरुषों के बारे में बात कर रही थी, लेकिन उनकी पहचान बताने में असमर्थ थी। 8 साल की बच्ची के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।” घटना के दो दिनों के बाद भी पटना पुलिस के पास आरोपियों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं था, जिसके विरोध में पीड़ित के परिजनों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने फुलवारीशरीफ-पटना सड़क को जाम कर दिया और टायर जलाए, जिससे दोनों तरफ भारी यातायात जाम हो गया। गुरुवार को जांच के लिए गांव पहुंची पुलिस टीम पर उन्होंने पथराव कर दिया।
किशोरों के बीच सच्चे प्यार को कानून की कठोरता से नियंत्रित नहीं किया जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली 12 Jan, (Rns): दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के खिलाफ अपहरण और बलात्कार के मामले को खारिज कर दिया है, जो नौ साल पहले एक लड़की के साथ भाग गया था, जब वह नाबालिग था। अदालत ने कहा कि किशोरों के बीच “सच्चा प्यार” को कानून की कठोरता या सरकार की कार्रवाई से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने एक किशोर जोड़े के खिलाफ राज्य या पुलिस की कार्रवाई को उचित ठहराने में अदालतों के सामने आने वाली दुविधा पर गौर किया, जिन्होंने एक-दूसरे से शादी की, शांतिपूर्ण जीवन जी रहे थे और कानून का पालन करते हुए परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। अदालत ने उस नाजुक संतुलन पर जोर दिया जो संवैधानिक अदालतों को कानून के सख्त कार्यान्वयन और समाज और व्यक्तियों पर ऐसे निर्णय के नतीजों के बीच बनाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि वर्तमान जैसे मामलों में अदालत के समक्ष व्यक्तियों और समग्र रूप से समाज पर फैसले के प्रभाव पर विचार करना शामिल है। इस विशेष मामले में अदालत ने उस व्यक्ति के खिलाफ लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया, जिसने घटना के समय वयस्क होने का दावा किया था। इसमें कहा गया है कि अगर एफआईआर रद्द नहीं की गई, तो इससे दंपति की दो बेटियों के भविष्य पर असर पड़ेगा, जिससे प्रभावी और वास्तविक न्याय विफल हो जाएगा। भागे हुए जोड़े ने मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली और लगभग नौ वर्षों से खुशी-खुशी अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। अदालत ने न केवल कानून, बल्कि समाज की गतिशीलता को समझने में न्यायपालिका की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें कहा गया है कि अदालत की भूमिका क़ानूनों को लागू करने और उनकी व्याख्या करने से परे फैली हुई है, जिसमें व्यक्तियों और बड़े पैमाने पर समुदाय पर उसके निर्णयों के निहितार्थ की समझ शामिल है।
मोहन यादव ने कमलनाथ से की मुलाकात
भोपाल 12 Jan, (Rns): मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से सौजन्य भेंट की। डा. यादव ने कल देर शाम कमलनाथ से उनके निवास पर पहुंचकर सौजन्य भेंट की। मुलाकात की जानकारी डॉ यादव ने स्वयं सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट के जरिए दी है। कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले डा. यादव के निवास पर पहुंचकर उनके मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें शुभकामनाएं दी थीं।
गुवाहाटी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा नहीं निकाल सकेंगे राहुल गांधी, CM ने नहीं दी अनुमति
गुवाहाटी 12 Jan, (Rns): असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को राजधानी गुवाहाटी के भीतर अनुमति नहीं दी जाएगी। सरमा ने दिसपुर के जनता भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि श्री राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान असम में स्कूलों या शैक्षणिक मैदानों की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में खानापारा से जालुकबारी तक की सड़क पर कई नर्सिंग होम के कारण अत्यधिक यातायात रहता है, जिससे बार-बार एम्बुलेंस की आवाजाही होती है। इसलिए राहुल गांधी की न्याय यात्रा को इस मार्ग पर अनुमति नहीं दी जाएगी।