
एक खबर आ रही हैं जो सुनकर एक बार आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी।हुआ यूं कि up के वाराणसी से वाराणसी जनपद में साल भर पहले एक महिला की मौत हो जाने के बाद उसकी लाश के साथ उसकी दो बेटियां एक साल तक सोती रहीं।इतना ही नहीं जब लाश से दुर्गंध आने लगती थी तो उससे बचने के लिए दोनों बेटियां अगरबत्ती का सहारा लेती थीं।बुधवार को पड़ोसियों की सूचना पर लंका पुलिस वहां पहुंची तो बेटियों ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया।पूरी घटना वाराणसी जनपद के लंका थाना क्षेत्र के मदरवां की है। दरअसल, बलिया जनपद के उभांव थाना क्षेत्र के रचौली गांव के रहने वाले रामकृष्ण पांडेय की बेटी उषा तिवारी की शादी बेल्थरा रोड निवासी देवेश्वर त्रिपाठी के साथ हुई थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान महिला को दो बेटियां हुईं। जिसमें एक का नाम पल्लवी और दूसरी का नाम वैष्णवी रखा।शादी के बाद सब कुछ ठीक-ठाक चलता लेकिन 10 साल बाद देवेश्वर और उषा तिवारी के बीच विवाद होने लगा। विवाद होने के बाद उषा तिवारी अपने मायके में रहने लगी। बाद में रामकृष्ण पांडेय बलिया से वाराणसी चले आए और वाराणसी के मदरवां इलाके में साल 2002 में उन्होंने एक मकान का निर्माण कराया।इस दौरान फोन पर रामकृष्ण की अपनी बेटी उषा से बातचीत होती थी। रामकृष्ण की दूसरी बेटी उपासना की शादी मिर्जापुर में हुई थी। कभी-कभी उपासना और उनके पति भी मदरवां में उषा तिवारी और उनकी बेटियों से मिलने के लिए आते थे।बताया जा रहा है कि उषा तिवारी बीमार थी जिसके चलते 8 दिसंबर 2022 को उषा की मौत हो गई। मौत हो जाने के बाद पल्लवी और वैष्णवी द्वारा रिश्तेदारों को फोन करके सूचना दिया गया।हालांकि दोनों बेटियों ने अंतिम संस्कार नहीं किया और मां की लाश को उन्होंने घर में ही छुपाए रखा। रिश्तेदारों के जाने के बाद दोनों बेटियां अपनी मां की लाश के साथ ही सोती थीं। बताया जा रहा है कि इस दौरान उषा तिवारी की लाश में कीड़े पड़ गए तो दोनों बेटियां लाश से कीड़े निकल कर उसे बाहर फेंक देती थीं।
उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद लंका थाने की पुलिस जब वहां पहुंची तो दरवाजा खटखटाना पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई। उसके बाद पुलिस ने मौजूद लोगों की उपस्थिति में दरवाजा तोड़ा। तीन दरवाजा का ताला तोड़ने के बाद पुलिस मकान के उसे कमरे में पहुंची जहां दोनों बहने अपनी मां के कंकाल के साथ सोईं थीं,थानाध्यक्ष लंका शिवाकांत द्वारा बताया गया कि बेटियों की मानसिक स्थिति सही प्रतीत नहीं हो रही है।
हालांकि प्राथमिक पूछताछ में दोनों बेटियों द्वारा बताया गया कि पैसे के अभाव में उन्होंने मां का अंतिम संस्कार नहीं किया था। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल पल्लवी और वैष्णवी को मिर्जापुर के रहने वाले उनकी मौसी मौसी के संरक्षण में दिया गया है। मौसा धर्मेंद्र द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर कंकाल का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।