सिल्ली : सिल्ली में इन दिनों गजराज नाराज हैं ! फलस्वरूप हाथी जंगल से निकलकर गांवों में प्रवेश कर उत्पात मचा रहा है। मंगलवार को सिल्ली के कीता हेसाडीह गांव के आस – पास रात के अंधेरे में एक साथी को धान के खेत में विचरण करते देखा गया। हाथी के जंगल से भटक कर गांव में प्रवेश करने की घटना जंगल में आग की तरह गांव में फ़ैल गई ।
लोग आज भी दहशत में है। यह पहली बार नहीं है जब हाथी गांव में प्रवेश किया है। भोजन की तलाश में हाथी गांव में प्रवेश कर जान माल को नुक़सान पहुंचा रहे हैं। कच्चे मिट्टी के घरों को ढ़ाह रहे हैं। धान लगे खेत खलिहानों को नुक़सान पहुंचा रहे हैं। लोग भय के साए में जीवन यापन करने को विवश हैं।
उधर स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले दिनों बाघ सिल्ली में आ गया था। हालांकि कि जान-माल को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा था। परंतु जंगली जानवरों के जंगल से निकलकर गांव में प्रवेश करने से ग्रामीण भयभीत है। उधर क्षेत्र में जंगल की अवैध कटाई से वन्य जीवों पर संकट मंडरा रहा है।
वन विभाग के अधिकारी से बाज़ार में लकड़ी बिक्री के संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि गरीब ग्रामीण सूखी पेड़ों को काटकर जलावन के लिए लकड़ी बेचते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है उज्जवला योजना कहां है ?