लातेहार।
भारत सरकार द्वारा संचालित फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत लातेहार जिले में व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता और दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जिले को फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त करना है। उपायुक्त के आदेश पर जिले के सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय होकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करा रही है।
डीडीसी ने किया दवा सेवन, लोगों को दिया संदेश
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए लातेहार के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) ने स्वयं दवा का सेवन कर एक सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने आमजनों से अपील की कि वे इस दवा सेवन कार्यक्रम को गंभीरता से लें और अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य को दवा अवश्य खिलाएं।
अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों की मौजूदगी
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी दिनेश कुमार ठाकुर, अजय भारती सहित कई स्वास्थ्यकर्मी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरजनित बीमारी है, जो लंबे समय तक अनदेखी करने पर विकलांगता जैसी स्थिति पैदा कर सकती है। हालांकि समय पर दवा का सेवन और बचाव के उपाय अपनाकर इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।
घर-घर जाकर लोगों को दी जा रही जानकारी
स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों को दवा सेवन करा रही है। टीम के सदस्य ग्रामीणों को फाइलेरिया से बचाव के उपाय भी बता रहे हैं। अभियान के दौरान यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति दवा सेवन से वंचित न रह जाए। विशेष रूप से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को इस अभियान से जोड़ने पर बल दिया जा रहा है।
जागरूकता और बचाव के उपाय
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि केवल दवा सेवन ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी फाइलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है। लोगों से अपील की गई कि वे अपने आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें, नालियों में पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। साथ ही, घरों में नियमित रूप से कीटनाशक का छिड़काव करने की भी सलाह दी गई।
जिला प्रशासन की सक्रिय भूमिका
जिला प्रशासन ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को जन-आंदोलन का स्वरूप देने की पहल की है। उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले का कोई भी नागरिक दवा सेवन से वंचित न रह जाए और आने वाले समय में लातेहार को फाइलेरिया मुक्त घोषित किया जा सके।
फाइलेरिया: एक बड़ी चुनौती
चिकित्सकों के अनुसार फाइलेरिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो मुख्यतः संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और कई बार मरीज जीवनभर के लिए अपंगता का शिकार हो जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोग समय पर दवा का सेवन करें और बीमारी को जड़ से खत्म करने में सहयोग दें।