संवाददाता प्रेम कुमार साहू
घाघरा (गुमला):- घाघरा प्रखंड अंतर्गत चूंदरी पंचायत में बने आयुष्मान आरोग्य मंदिर की निर्माण गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। मंगलवार को जिले के डीडीसी दिलेश्वर महतो ने प्रखंड क्षेत्र में कई आंगनबाड़ी केंद्रों एवं निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने चूंदरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के प्लिंथ प्रोटेक्शन टूटने की जानकारी डीडीसी को दी। उन्होंने बताया कि महज छह महीने पहले बनाए गए इस भवन में कई खामियां सामने आ चुकी हैं।ग्रामीणों ने बताया कि आरोग्य मंदिर का निर्माण ठेकेदार द्वारा कराया गया था, लेकिन निर्माण के कुछ ही महीनों के भीतर प्लिंथ लेवल टूट गया। इसके अलावा भवन के शौचालय की सेफ्टी टैंक में लगाया गया पाइप भी बेहद घटिया किस्म का निकला, जो अब पूरी तरह टूट चुका है। इससे शौचालय व्यवस्था भी बाधित है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि भवन की दीवारों में भी दरारें दिखाई दे रही हैं, जो निर्माण कार्य में लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है।डीडीसी दिलेश्वर महतो ने मौके पर पहुंचकर टूटे हुए प्लिंथ प्रोटेक्शन का निरीक्षण किया। स्थिति देखने के बाद उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और निर्माण कार्य किस स्तर पर किया गया, इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभागीय पदाधिकारियों एवं संबंधित कर्मियों को निर्देश दिया जाएगा कि संवेदक को दोबारा गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्माण कार्य कराने को कहा जाए।
डीडीसी ने चेतावनी दी कि सरकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इस दौरान डीडीसी ने नवडीहा और चूंदरी पंचायत के कई आंगनवाड़ी केंद्रों का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने संबंधित आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका से बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार, गतिविधियों और केंद्र की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। कई आंगनबाड़ी केंद्रों की जर्जर स्थिति देखकर डीडीसी ने बीडीओ और सीओ को जल्द से जल्द भवन की मरम्मत कराने का निर्देश दिया।डीडीसी दिलेश्वर महतो ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के पोषण, उनकी प्रारंभिक शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इन केंद्रों की व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने बच्चों को टॉफी बांटी और प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्र आने के लिए प्रोत्साहित किया।निरीक्षण के दौरान बीडीओ दिनेश कुमार, सीओ खाखा सुशील कुमार सहित कई अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे। ग्रामीणों का कहना है कि आरोग्य मंदिर उनके गांव का महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र है और इसकी खराब गुणवत्ता से लोगों को निराशा हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन जल्द ही इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगा और भवन को ठीक कराया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से मिल सकें।
ग्रामीणों की शिकायत और अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को लेकर प्रशासन गंभीर है। उम्मीद की जा रही है कि जांच के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी और भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं दोहराई जाएगी।