अनूप कुमार गुप्ता,
विशुनपुरा (गढ़वा): प्रखंड मुख्यालय में शनिवार को निजी कोचिंग संस्थानों के संचालकों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सर्वसम्मति से “प्रखंड स्तरीय शिक्षण संस्थान संघ” का गठन किया गया।
बैठक में मौजूद संचालकों ने झारखंड सरकार द्वारा पारित कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 पर चर्चा करते हुए कहा कि वे केवल उन्हीं नियमों का पालन करेंगे जो छात्रों और शिक्षण संस्थानों के हित में होंगे। अन्यथा, ऐसे नियमों पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।
संचालकों ने स्पष्ट किया कि यह नया कानून मुख्यतः शहरी क्षेत्रों के बड़े और स्थापित कोचिंग संस्थानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित छोटे कोचिंग सेंटरों पर सीधा और प्रतिकूल असर पड़ेगा।
ऐसे संस्थान सीमित संसाधनों में गरीब, दलित, पिछड़े और असहाय छात्र-छात्राओं को न्यूनतम शुल्क या नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं। यदि इस विधेयक को बिना संशोधन के लागू किया गया, तो कई छोटे संस्थान बंद होने की कगार पर पहुंच सकते हैं, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
नए विधेयक की प्रमुख शर्तें
विधेयक के अनुसार, 50 से अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग संस्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा, कोचिंग सेंटर की स्थापना के लिए छह महीने के भीतर पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है, जो कि पांच वर्षों तक वैध रहेगी। सरकार का कहना है कि यह कदम छात्रों से अनावश्यक शुल्क वसूली और संस्थानों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
इस फैसले से जहां अभिभावकों और छात्रों में खुशी देखने को मिल रही है, वहीं छोटे कोचिंग संचालकों में निराशा व्याप्त है। उनका कहना है कि ग्रामीण परिवेश में संचालित संस्थान पहले से ही आर्थिक दबाव में काम कर रहे हैं, ऐसे में यह नया नियम उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ बन जाएगा।
संघ के पदाधिकारियों का चयन
बैठक में सर्वसम्मति से संघ के पदाधिकारियों का चयन भी किया गया। अशोक कुमार मेहता को अध्यक्ष, छोटू कुमार चंद्रा को उपाध्यक्ष, बीरेंद सिंह कुशवाहा को सचिव, संजय सूर्या को उप सचिव, लक्ष्मी कुमार गुप्ता को कोषाध्यक्ष, पंकज कुमार गुप्ता एवं प्रमोद कुमार चंद्रवंशी को प्रवक्ता बनाया गया। इसके अलावा संजय विश्वकर्मा और रामरती मेहता को संघ का सदस्य चुना गया।
बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले दिनों में संघ का और अधिक विस्तार किया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की आवाज सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचाई जा सके।