रिपोर्टिंग : शशिकांत, बोकारो
बोकारो जिले में न्यायिक संरचना को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए शनिवार को नवनिर्मित श्रम न्यायालय भवन का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ न्यायमूर्ति आनंदा सेन, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा, उपायुक्त बोकारो अजय नाथ झा तथा पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह सहित कई न्यायिक और प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे।
नवनिर्मित श्रम न्यायालय भवन के उद्घाटन के बाद आयोजित समारोह में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि श्रमिक किसी भी समाज और राष्ट्र की रीढ़ होते हैं। उनके अधिकारों की रक्षा और विवादों के समय पर निपटारे के लिए सुदृढ़ न्यायिक तंत्र आवश्यक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नए भवन से न्यायिक प्रक्रिया और अधिक सुगम होगी और श्रमिकों को शीघ्र न्याय मिलेगा।
न्यायमूर्ति आनंदा सेन ने अपने संबोधन में कहा कि बोकारो जिला औद्योगिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां बड़ी संख्या में श्रमिक कार्यरत हैं। ऐसे में श्रम न्यायालय की सुदृढ़ व्यवस्था होना समय की मांग थी। उन्होंने कहा कि नया न्यायालय भवन श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच उत्पन्न विवादों का निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित करेगा।
न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि श्रम विवादों का त्वरित निपटारा न केवल श्रमिकों के हित में है बल्कि उद्योगों की निरंतरता और उत्पादन क्षमता बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
उद्घाटन कार्यक्रम में उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा कि जिला प्रशासन न्यायिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने आशा जताई कि श्रमिकों की समस्याओं का समय पर समाधान कर यह न्यायालय जिले की औद्योगिक प्रगति में भी सहायक सिद्ध होगा।
पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से सभी आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसर और आसपास की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ता, न्यायिक पदाधिकारी, श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि तथा सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने नए न्यायालय भवन के उद्घाटन को बोकारो जिले के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया।