संवाददाता : अनुज तिवारी,
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए देशवासियों को एक बड़ी सौग़ात दी है। सरकार के इस निर्णय को महंगाई पर नियंत्रण, उपभोक्ताओं को राहत और उद्योग जगत को प्रोत्साहन देने वाला ठोस कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञ इसे अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार बता रहे हैं, जिससे देश की कराधान प्रणाली और अधिक सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनेगी।
लाल क़िले से किया गया था ऐलान
15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल क़िले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में संकेत दिया था कि त्यौहारों से पहले देशवासियों को एक बड़ा तोहफ़ा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार कर ढांचे को सरल बनाने और आमजन को राहत देने के लिए काम कर रही है। उसी वचन को निभाते हुए केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों का पुनर्गठन कर दिया है।
अब सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18%
सरकार ने जीएसटी की जटिल संरचना को सरल बनाते हुए इसे केवल दो दरों—5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत—तक सीमित कर दिया है। पहले जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब थे। अब 12 और 28 प्रतिशत दर को समाप्त कर दिया गया है।
इससे न केवल कर प्रणाली आसान होगी बल्कि कारोबारियों को भी बिलिंग और हिसाब-किताब रखने में आसानी होगी। “Ease of Doing Business” की दिशा में यह बड़ा सुधार है।
रसोई और रोज़मर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती
सबसे बड़ा असर आम घरों की रसोई पर पड़ेगा। सरकार ने गैस सिलेंडर, आटा, दूध, पनीर, ब्रेड, पराठा और नमकीन जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों को 5 प्रतिशत श्रेणी में डाल दिया है। इसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलेगा और त्योहारों के मौसम में परिवारों के बजट को राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
मोदी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन की पहुँच में लाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
- स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
- सभी दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
- वहीं कैंसर की दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
इन बदलावों से इलाज की लागत कम होगी और आम आदमी के लिए बीमा योजनाएँ अधिक सुलभ बनेंगी।
परिवहन और ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत
सरकार ने मध्यमवर्गीय परिवारों और ऑटोमोबाइल उद्योग दोनों को बड़ी राहत दी है।
- छोटी कारों, तिपहिया वाहनों और 350 सीसी से कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
- इससे वाहन सस्ते होंगे और बिक्री में बढ़ोतरी होगी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर लंबे समय से मंदी से जूझ रहा था। इस कदम से उद्योग को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
किसानों के लिए सौग़ात
किसानों को भी इस सुधार का सीधा लाभ मिलेगा।
- स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और कटाई मशीनरी जैसे कृषि उपकरणों पर कर दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।
- इससे किसानों की उत्पादन लागत घटेगी और कृषि क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खेती-किसानी में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ेगा।
उद्योग और सेवाओं को राहत
मोदी सरकार ने उद्योग और सेवा क्षेत्र को भी राहत दी है।
- एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, टीवी और मॉनिटर अब केवल 18 प्रतिशत श्रेणी में आ गए हैं। पहले बड़ी स्क्रीन वाले टीवी और मॉनिटर पर 28 प्रतिशत कर लगता था।
- सैलून, फिटनेस सेंटर और योग सेवाओं पर जीएसटी घटाकर 18 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि सेवा क्षेत्र में भी मांग बढ़ेगी।
महंगाई पर नियंत्रण का प्रयास
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, जीएसटी दरों में यह कटौती महंगाई पर अंकुश लगाने में सहायक होगी। खाद्य वस्तुओं और रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमत कम होने से आम परिवार की जेब पर बोझ घटेगा।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्री प्रो. अरुण मिश्रा का कहना है—
“जीएसटी का ढांचा जितना सरल होगा, टैक्स चोरी की संभावना उतनी ही कम होगी। दो दरों में ढांचे को सीमित करना व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।”
वहीं उद्योगपति राजीव अग्रवाल का मानना है कि यह सुधार भारत की निर्माण क्षमता (Manufacturing Competitiveness) को बढ़ाएगा और “मेक इन इंडिया” अभियान को मजबूती देगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस कदम को देर से उठाया गया बताया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि सरकार को यह सुधार पहले ही कर देना चाहिए था, ताकि आमजन को समय रहते राहत मिलती।
राजनीतिक महत्व
त्योहारों से ठीक पहले लिया गया यह निर्णय राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों और उद्योग जगत—तीनों को साधने की कोशिश की है।
समावेशी विकास की दिशा में कदम
मोदी सरकार का यह कदम दर्शाता है कि सरकार केवल अवसंरचना विकास पर ही नहीं, बल्कि समावेशी विकास पर भी ध्यान दे रही है। इससे किसान, मज़दूर, व्यापारी, उद्यमी और मध्यम वर्ग सभी को समान रूप से लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था—
“अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज़ में बैठेगा।”
जीएसटी सुधार इस कथन को साकार करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।