
लातेहार:
रविवार रात लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत दौना गांव के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी नक्सली मनीष यादव मारा गया। मनीष, चर्चित कटिया मुठभेड़ का आरोपी था, जिसमें सीआरपीएफ के 13 जवान शहीद हुए थे। इस घटना में नक्सलियों ने एक जवान के शरीर में बम प्लांट कर बर्बरता की हदें पार की थीं।
2018-19 के पोलपोल हमले में भी मनीष यादव मुख्य आरोपी था, जहां छह जवान शहीद हुए थे। मनीष मूल रूप से बिहार के गया जिले का निवासी था, जबकि उसका ससुराल लातेहार के दौना ग्राम में था।
वह बूढ़ापहाड़ क्षेत्र में पिछले 8-10 वर्षों से सक्रिय था और एक साधारण सदस्य से माओवादियों का सब जोनल कमांडर बन गया था। पलामू, लातेहार, चतरा, गढ़वा और बिहार के कई जिलों में वह 50 से अधिक नक्सली हमलों का आरोपी रहा है।
बूढ़ापहाड़ लंबे समय से माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा है, जहां विभिन्न राज्यों के नक्सली कमांडर सक्रिय रहे हैं। मनीष की मौत को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।