
बालूमाथ (लातेहार)। राजकीय कृत प्लस टू उच्च विद्यालय बालूमाथ की भूमि सीमांकन के नाम पर प्रशासनिक खानापूर्ति जारी है। पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार, 3 अप्रैल 2025 को विद्यालय की भूमि सीमांकन होना तय था, लेकिन अंचल अधिकारी बालूमाथ द्वारा जारी पत्र में केवल दो प्लॉट की मापी का जिक्र किया गया है। इससे विद्यालय की पूरी भूमि का स्पष्ट सीमांकन संभव नहीं होगा।
दान पत्र के अनुसार 9.10 एकड़ भूमि, हाल सर्वे में घटकर 6.10 एकड़
विद्यालय को पूर्व में मिले दान पत्र के अनुसार, उसकी कुल भूमि 9 एकड़ 10 डिसमिल थी, लेकिन हाल के सर्वे में यह घटकर 6 एकड़ 10 डिसमिल रह गई है। ऐसे में केवल दो प्लॉट की मापी से विद्यालय की वास्तविक भूमि का निर्धारण नहीं हो सकेगा। जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब मापी हो, तो पुराने दान पत्र के अनुसार ही की जानी चाहिए, अन्यथा विद्यालय की जमीन दूसरे लोगों के हाथ में चली जाएगी।
अंचल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
विद्यालय की प्राचार्या ने बताया कि दान पत्र एवं संबंधित दस्तावेज कई बार अंचल कार्यालय को उपलब्ध कराए गए, लेकिन हर बार वे संचिका से गायब हो जाते हैं। इससे यह संदेह होता है कि कहीं प्रशासनिक स्तर पर जानबूझकर कोई खेल तो नहीं खेला जा रहा।
अतिक्रमण हटाने का आदेश भी गायब
विद्यालय परिसर से अतिक्रमण हटाने के संबंध में अतिक्रमणवाद 3/23-24 का अभिलेख भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इस अभिलेख में स्पष्ट रूप से विद्यालय की भूमि से अर्धनिर्मित संरचना हटाने का आदेश पारित था, लेकिन अब वह दस्तावेज भी लापता है।
भूमि सीमांकन में पारदर्शिता की मांग
उपाध्यक्ष अनीता देवी ने प्रशासन से मांग की है कि विद्यालय की मापी पुराने दान पत्र के आधार पर की जाए। हाल सर्वे के आधार पर सीमांकन करना विद्यालय के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग भी की है ताकि विद्यालय की जमीन को सुरक्षित रखा जा सके.