
लातेहार: शहर के धर्मपुर स्थित बहुउद्देशीय भवन के पास बने धार्मिक स्थल के चबूतरे को नगर पंचायत विभाग ने जेसीबी मशीन से तोड़ दिया। यह कार्रवाई रात के समय की गई, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया।
स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया और नगर पंचायत पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। जैसे ही इस घटना की सूचना फैली, लोगों की भीड़ घटनास्थल पर एकत्रित हो गई। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

स्थानीय लोगों का आरोप
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह स्थान पिछले 20 से 30 वर्षों से धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा था। यहां हर वर्ष होलिका दहन, रामनवमी पूजा और अन्य धार्मिक आयोजन होते थे। उन्होंने नगर पंचायत पर बिना किसी पूर्व सूचना के इस धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने का आरोप लगाया।
विरोध प्रदर्शन कर रहे पवन प्रसाद, मोहन राम, संजय प्रसाद और धार्मिक समिति के अन्य सदस्यों ने इस कदम को आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया। उनका कहना था कि अगर जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है, तो वे सड़क पर उतरकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी सवाल उठाया कि यदि किसी अन्य समुदाय के धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचता, तो स्थिति अलग होती। उन्होंने हिंदू धर्म स्थल के साथ हुए इस व्यवहार को अन्यायपूर्ण बताया और इसे बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।
पुलिस की प्रतिक्रिया
थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े ने बताया कि विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही वे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों से बात कर पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का दावा है कि यह एक धार्मिक स्थल था और इसे बिना किसी पूर्व सूचना के तोड़ा गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई जांच के आधार पर की जाएगी।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
इस घटना के बाद शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। मौके पर अनिल सिंह, पवन प्रसाद, अनिल साहू, नीरज कुमार, मुरारी प्रसाद, बॉबी कुमार, संजीत, रवि वर्मा, रंजीत पांडेय, पंकज वर्मा, मिट्ठू, चंदन कुमार, रवि रंजन, रमन गुप्ता, वीरेंद्र प्रसाद, मंटू सहित कई लोग इकट्ठा हुए और नगर पंचायत की इस कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की।
स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन इस घटना की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, इस स्थल को पुनः स्थापित करने की मांग भी की जा रही है। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि वे अपनी आस्था और धार्मिक परंपराओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।