
लातेहार: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, भारत सरकार एवं विभागीय आदेशानुसार, उपायुक्त लातेहार के निर्देश पर बरवाडीह प्रखंड में बाल श्रम उन्मूलन अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत अवैध रूप से कार्यरत बाल श्रमिकों को मुक्त कराना और नियोजकों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना था।
अभियान के दौरान स्टेशन रोड, बरवाडीह स्थित एक जूता दुकान में कार्यरत एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया। इस संबंध में संबंधित नियोजक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। अभियान दल ने सभी प्रतिष्ठानों को बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम, 1986 के तहत अनिवार्य सूचना बोर्ड प्रदर्शित करने का निर्देश दिया, ताकि किसी भी प्रकार के बाल श्रम को रोका जा सके।
इस अभियान में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह, श्रम कार्यालय के विजय सिंह, अशोक विश्वकर्मा, बाल कल्याण समिति के सदस्य कुंदन गोप, वेदिक सोसायटी के प्रेम प्रकाश, बचपन बचाओ आंदोलन के रवि शंकर एवं बरवाडीह थाना की पुलिस टीम शामिल रही।
बाल श्रम उन्मूलन के प्रति प्रशासन की सख्ती
प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार के बाल श्रम को सहन नहीं किया जाएगा। सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, होटलों, ढाबों एवं अन्य कार्यस्थलों पर नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा ताकि बाल श्रमिकों के शोषण को रोका जा सके। यदि किसी प्रतिष्ठान में बच्चों से श्रम करवाया जाता है तो उसके मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद उनके पुनर्वास की भी योजना बनाई गई है। स्थानीय प्रशासन एवं बाल कल्याण समिति ऐसे बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए कार्यरत है।
अभियान का उद्देश्य:
- बाल श्रम उन्मूलन: बाल श्रमिकों को मुक्त कराना और उन्हें शिक्षा से जोड़ना।
- नियोजकों पर कार्रवाई: बाल श्रम करवाने वालों पर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करना।
- जन जागरूकता: समाज में बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाना।
- पुनर्वास योजनाएँ: मुक्त कराए गए बच्चों को शिक्षा और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं बाल श्रम होता हुआ दिखे तो तुरंत संबंधित विभाग या पुलिस को सूचित करें ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।