
रांची: रांची नगर निगम की राजस्व शाखा द्वारा चलाए जा रहे होल्डिंग टैक्स और ट्रेड लाइसेंस जांच अभियान के तहत 10 फरवरी को रोशपा टावर स्थित पीओजे फर्नीचर और वन स्टॉकप सर्विस नामक दो प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया था। इन प्रतिष्ठानों पर नगर निगम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था। हालांकि, पीओजे फर्नीचर द्वारा 25,000 रुपये का जुर्माना भरने और नए ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन देने के बाद नगर निगम ने प्रतिष्ठान से सील हटा दी है।
नगर निगम का सख्त अभियान जारी
रांची नगर निगम की राजस्व शाखा की टीम लगातार शहर के विभिन्न भवनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच कर रही है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिना होल्डिंग टैक्स और ट्रेड लाइसेंस के व्यवसाय संचालित करना पूरी तरह अवैध है। इसी क्रम में 10 फरवरी को रोशपा टावर स्थित दो प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया था, क्योंकि वे नगर निगम के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
नगर निगम के अनुसार, पीओजे फर्नीचर ने नियमों का पालन करने के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना भर दिया है और साथ ही नए ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन भी कर दिया है। जुर्माने की राशि जमा करने के बाद नगर निगम की टीम ने प्रतिष्ठान पर लगी सील को हटा दिया।
नगर निगम की अपील: समय पर करें होल्डिंग टैक्स और लाइसेंस नवीनीकरण
नगर निगम के प्रशासक ने रांची के सभी नागरिकों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों से अपील की है कि वे अपने भवनों का होल्डिंग टैक्स (घृतिकर) समय पर जमा करें और यदि किसी रेजिडेंशियल होल्डिंग में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, तो उसका री-असेसमेंट करवाकर कमर्शियल होल्डिंग में परिवर्तित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारिक गतिविधि संचालित करने के लिए म्युनिसिपल ट्रेड लाइसेंस आवश्यक है। यदि किसी भवन परिसर में कोई नई संरचना का निर्माण किया गया है, तो उसका क्षेत्रफल पुनर्मूल्यांकन करवाना भी जरूरी होगा।
बिना लाइसेंस व्यवसाय करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि बिना ट्रेड लाइसेंस या होल्डिंग टैक्स भुगतान के कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित नहीं किया जा सकता। यदि किसी व्यवसायिक संस्थान ने अभी तक नगर निगम के नियमों का पालन नहीं किया है, तो जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट करवा लें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम का यह अभियान क्यों है जरूरी?
- शहर में सुव्यवस्थित व्यवसायिक संचालन सुनिश्चित करना।
- अवैध रूप से संचालित प्रतिष्ठानों को नियमों के दायरे में लाना।
- नगर निगम के राजस्व को बढ़ाकर शहर के विकास कार्यों को गति देना।
- सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को नगर निगम के अंतर्गत लाकर करदाता सूची में शामिल करना।
स्थानीय व्यापारियों की प्रतिक्रिया
इस अभियान के बाद शहर के कई व्यापारियों में हलचल मची हुई है। कुछ व्यापारी इसे अनुचित कार्रवाई मान रहे हैं, जबकि कई अन्य इसे नगर निगम की एक सकारात्मक पहल बता रहे हैं। स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि यदि नियमों की जानकारी पहले से होती, तो वे समय पर होल्डिंग टैक्स और ट्रेड लाइसेंस अपडेट करवा लेते।
नगर निगम की आगे की योजना
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल कुछ प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहर भर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच की जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में और भी प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हो सकती है, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।