
पंचायत से पार्लियामेंट 2.0: लातेहार की मुखिया संगीता लकड़ा दिल्ली पहुंची कार्यक्रम में भाग लेने
लातेहार:- 6 जनवरी 2025: मंगलवार को एक दिवसीय “पंचायत से पार्लियामेंट 2.0” कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लातेहार जिले के चंदवा पश्चिमी प्रखंड की मुखिया श्रीमती संगीता लकड़ा दिल्ली पहुंच चुकी हैं।
यह कार्यक्रम भारतीय लोकतंत्र के विकास और महिलाओं की सशक्तिकरण के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित अनुसूचित जनजातियों की महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना और प्रभावी नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए उन्हें संवैधानिक प्रावधानों, संसदीय प्रक्रियाओं और शासनव्यवस्था के बारे में गहन जानकारी देना है।
कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से उन महिला नेताओं के लिए किया गया है, जिन्होंने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पंचायतों का नेतृत्व किया है।
यह पहल महिलाओं को संसद की कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज की गहरी समझ देने के लिए आयोजित की गई है, ताकि वे अपने क्षेत्रों में एक सशक्त नेतृत्व स्थापित कर सकें।
कार्यक्रम में भाग लेने वाली 502 महिला प्रतिनिधियों को भारत की विधायी प्रक्रिया और सरकारी ढांचे के बारे में शिक्षा प्राप्त होगी, जिससे उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक प्रभावी बनने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम का महत्व
इस कार्यक्रम का विशेष महत्व इस कारण भी है क्योंकि यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
बिरसा मुंडा, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, का योगदान जनजातीय समाज के उत्थान के लिए उल्लेखनीय है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यशालाओं और सत्रों में भाग लेने वाली महिलाएं, जिनमें 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिला प्रतिनिधियाँ शामिल हैं, उनके लिए यह एक अनूठा अवसर है।
कार्यक्रम की शुरुआत लोक सभा के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह के स्वागत भाषण से होगी, जो कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करेंगे।
इसके बाद केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम का संबोधन होगा, जो विशेष रूप से जनजातीय महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं और उनके उत्थान के उपायों पर प्रकाश डालेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
कार्यक्रम के दौरान महिला प्रतिनिधियों को भारतीय लोकतंत्र की उच्चतम संस्थाओं से अवगत कराया जाएगा।
उन्हें नए संसद भवन, संविधान सभा, प्रधानमंत्री संग्रहालय और राष्ट्रपति भवन जैसी प्रमुख संस्थाओं का दौरा कराकर भारत के शासन और विधायिका की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
इसके अलावा, विशेष रूप से महिलाओं के लिए संवैधानिक प्रावधानों पर चर्चा होगी, जिसमें 73वें संशोधन, पंचायतों के अधिकारों और कर्तव्यों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसमें प्रमुख रूप से अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार के लिए बने ‘पेसा अधिनियम’ पर भी चर्चा की जाएगी, जिससे जनजातीय समुदायों की पहचान और उनकी सामाजिक, राजनीतिक स्थिति मजबूत हो सके।
प्रमुख उद्देश्य
“पंचायत से पार्लियामेंट 2.0” का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपनी आवाज़ उठाने, अपनी पंचायतों और जनजातीय क्षेत्रों में प्रभावी नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रेरित करना है।
यह कार्यक्रम उन महिला नेताओं के लिए है, जो पहले ही पंचायत स्तर पर अपना नेतृत्व दिखा चुकी हैं, लेकिन अब उन्हें संसद और अन्य उच्च संस्थाओं के कामकाज में भी भागीदार बनाने की कोशिश की जा रही है।
यह उनके नेतृत्व क्षमता को और सशक्त बनाने का एक प्रयास है।
यह पहल खासतौर पर ग्रामीण और जनजातीय समुदायों की महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में इन समुदायों की महिलाओं के पास नेतृत्व की कई संभावनाएँ और अवसर होते हुए भी वे कई बार सशक्त मार्गदर्शन की कमी महसूस करती हैं।
ऐसे में इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें न केवल इन प्रक्रियाओं से अवगत कराना है, बल्कि उन्हें अपनी भूमिका को समझने और अपनी पंचायतों और जनजातीय क्षेत्रों में प्रभावी और विकासात्मक निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना है।
कार्यक्रम की भविष्यवाणी और इसकी सफलता
“पंचायत से पार्लियामेंट” कार्यक्रम की यह दूसरी कड़ी है, जिसे “पंचायत से पार्लियामेंट 2.0” के नाम से पहचाना जा रहा है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल महिलाओं के सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका व्यापक उद्देश्य यह है कि समाज के सबसे निचले स्तरों पर काम कर रही महिलाएं,
जिनके पास सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक संसाधनों की कमी हो सकती है, उन्हें उच्चतम स्तर पर प्रतिनिधित्व देने के लिए संवैधानिक और संस्थागत संसाधनों से जोड़ा जाए।
यह कार्यक्रम 502 महिला प्रतिनिधियों के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।
इन महिला नेताओं को न केवल प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उन्हें एक नेटवर्क प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने-अपने राज्यों और क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर सकें और उनके नेतृत्व से बदलाव आ सके।
कार्यक्रम का उद्देश्य यह भी है कि महिला प्रतिनिधि केवल अपनी पंचायतों तक सीमित न रहें, बल्कि वे राष्ट्रीय राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हों।
इस दृष्टिकोण से, यह कार्यक्रम भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में महिला नेताओं की भूमिका को पुनः परिभाषित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।