
लातेहार:- छठ महापर्व की तैयारी जोर जोर सोर से होने लगती हैं। और धार्मिक मान्यता के अनुसार माता सीता ने सर्वप्रथम छठ पूजन बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर सम्पन्न किया था, जब राम के साथ वनवास पर थीं। इसके बाद से लोक आस्था के महापर्व की शुरुआत हुई। प्रमाण स्वरूप आज भी माता सीता के चरण चिन्ह मौजूद है, जिस स्थान पर माता सीता ने छठ पूजा किया था। और इसी को लेकर अब सभी जगहों पर छठ महापर्व मानते हैं। लातेहार जिले के पुलिस अधीक्षक और उनकी पत्नी पलामू एसपी रिष्मा रमेशम चार दिवसीय छठ महापर्व कर रहे हैं. आपको बताते चलें कि
दरअसल, लातेहार एसपी अंजनी अंजन मूल रूप से पूर्वांचल के रहने वाले हैं. वे अपने कर्तव्य के प्रति जितने जिम्मेवार रहते हैं, उतने ही धर्म कर्म के मामले में भी आगे रहते हैं. छठ महापर्व के प्रति उनकी विशेष आस्था है. इस वर्ष लातेहार एसपी और उनकी पत्नी पलामू एसपी रिष्मा रमेशम एक साथ छठ महापर्व कर रहे हैं. इसी को लेकर एसपी आवास में छठ महापर्व की गीत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन बताते हैं कि त्योहार हमेशा अपने साथ लोगों के लिए खुशियां लेकर आती है. उन्होंने कहा कि छठ महापर्व का पूर्वांचल में एक विशेष महत्व है. इसी कारण चार दिवसीय इस छठ महापर्व को वे अपने पूरे परिवार के साथ कर रहे हैं.आमतौर पर दक्षिण भारत में छठ महापर्व का प्रचलन काफी कम है. इसके बावजूद दक्षिण भारत की रहने वाली पलामू एसपी रिष्मा रमेशम पिछले दो वर्षों से लगातार चार दिवसीय छठ महापर्व को पूरे विधि विधान से कर रही हैं. सामान्य छठव्रतियों की तरह ही आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद भी बनातीं हैं.
पलामू एसपी का कहना है कि व्यक्ति चाहे किसी भी पद पर पहुंच जाए परंतु अपने संस्कार और अपनी जड़ को हमेशा बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार और पर्व त्योहार हमारे जीवन में खुशियां लेकर आती है. उन्होंने कहा कि चार दिवसीय इस छठ महापर्व को करने के बाद काफी शांति और उत्साह मिलता है.