शादी के एक दिन बाद सड़क हादसे में असमय मौत, ठाकुरबाड़ी में उमड़ा जनसैलाब
संवाददाता : अनुज तिवारी,
पलामू जिले में ब्राह्मण समाज गहरे शोक और अविश्वास में डूबा है। शादी के महज एक दिन बाद हुए भीषण सड़क हादसे में राष्ट्रीय परशुराम सेना भार्गव के संस्थापक सदस्य, युवा और ऊर्जावान राहुल पाठक की दर्दनाक मौत ने पूरे समाज को हिला कर रख दिया है। अचानक हुई इस अप्रत्याशित घटना से परिवार, मित्र, सहयोगी ही नहीं बल्कि पूरा शहर शोकाकुल है। इसी असहनीय पीड़ा और दुःख को साझा करने के लिए मेदिनीनगर के रेडमा स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर में ब्राह्मण समाज द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां जनसैलाब उमड़ पड़ा।
श्रद्धांजलि सभा परशुराम सेना भार्गव के बैनर तले आयोजित की गई, जिसमें समाज के सम्मानित जनप्रतिनिधि, संगठन के पदाधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग भारी संख्या में पहुंचे। हर चेहरे पर गम और आंखों में आंसू साफ झलक रहे थे। सभा की शुरुआत राहुल पाठक की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने से हुई। इसके पश्चात दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। माहौल इतना भावुक था कि कई लोग राहुल के निधन की बात याद कर खुद को रोक नहीं पाए और फफक पड़े।
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मंत्री के.एन. त्रिपाठी, परशुराम सेना भार्गव के संस्थापक अमित तिवारी, मुकेश तिवारी, अभिषेक तिवारी, मधुकर शुक्ला, आशुतोष तिवारी, संजीत पांडेय, अरविंद पांडेय, सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विजय तिवारी, युवा समाजसेवी आशीष भारद्वाज, जेजेए पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष नितेश तिवारी, अर्जुन पांडेय उर्फ गुरु पांडेय, देवेंद्र तिवारी, चंदन तिवारी, पिंकू तिवारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। ठाकुरबाड़ी परिसर लोगों से खचाखच भरा हुआ था, जो राहुल की लोकप्रियता और लोगों में उनके लिए सम्मान का प्रमाण था।
पूर्व मंत्री के.एन. त्रिपाठी ने गमगीन आवाज में कहा कि “यह भगवान की वह लीला है, जो किसी के साथ न हो। राहुल जैसे संस्कारी और होनहार युवक को शादी के एक दिन बाद ही इस दुनिया से जाना पड़ा, यह घटना पूरे समाज को भीतर तक हिला देने वाली है।”
परशुराम सेना भार्गव के संस्थापक अमित तिवारी ने भावुक होते हुए कहा कि “राहुल केवल संगठन के सदस्य नहीं, बल्कि हमारे परिवार का हिस्सा थे। उनका जाना ऐसा है जैसे चार कंधों में से एक कंधा किसी ने अचानक खींच लिया हो। यह क्षति अपूरणीय है—संगठन, समाज और उन सभी लोगों के लिए जिनके जीवन को उन्होंने अपनी सरलता और सौम्यता से छुआ।”
सभा में उपस्थित लोगों ने राहुल के स्वभाव, उनके संस्कार और समाज के प्रति उनके समर्पण को याद करते हुए उन्हें एक आदर्श युवा बताया। कहा गया कि राहुल हमेशा समाज के हित में अग्रणी भूमिका निभाते थे, चाहे वह कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, सामाजिक कार्य हो या किसी जरूरतमंद की मदद। उनकी सहज मुस्कान और विनम्र व्यवहार हर किसी के दिल में जगह बना लेता था।
राहुल के असमय निधन से परिवार पूरी तरह टूट गया है। नया-नवेला दांपत्य जीवन शुरू होने से पहले ही ऐसी त्रासदी ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। वहीं समाज भी एक होनहार, ऊर्जावान और सभ्य युवक को खोने के गहरे दुख में है। लोगों ने कहा कि राहुल की यादें हमेशा अमर रहेंगी और समाज के लिए उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में प्रार्थना की कि भगवान दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और दुख की इस घड़ी में शोकग्रस्त परिवार को इस असहनीय पीड़ा से उबरने की शक्ति प्रदान करें।
राहुल पाठक की यह अंतिम विदाई मेदिनीनगर ही नहीं, पूरे पलामू जिले के लिए एक अविस्मरणीय पीड़ा बनकर रह गई। उनका जाना समाज के लिए ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई लंबे समय तक संभव नहीं होगी।