
चंदवा सवाददाता,
चंदवा |विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर चंदवा सरकारी अस्पताल में आयोजित रक्तदान शिविर में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिविर में रक्तदान करने वाला एक व्यक्ति हेपेटाइटिस बी संक्रमित पाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि संक्रमित व्यक्ति स्वयं चंदवा अस्पताल का स्वास्थ्यकर्मी है।
सूत्रों के अनुसार, उक्त व्यक्ति को पहले ही लातेहार ब्लड बैंक द्वारा डिसकार्ड किया जा चुका था, यानी उसे रक्तदान के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। बावजूद इसके, उसने रक्तदान कर दिया, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर चूक उजागर होती है।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — ‘रक्तदान ही जीवनदान है’, लेकिन जब एक संक्रमित व्यक्ति जानबूझ कर रक्तदान करे तो क्या इसे लापरवाही कहा जाए या एक सोची-समझी साजिश?
ब्लड बैंक लातेहार के कर्मी विनय कुमार ने जानकारी दी कि शनिवार को चंदवा अस्पताल से 38 यूनिट ब्लड संग्रहित कर ब्लड बैंक लाया गया था। जांच के दौरान इनमें से एक यूनिट में हेपेटाइटिस बी संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसे तत्काल अलग कर दिया गया।
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. धर्मशीला चौधरी ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “रक्तदान एक पुण्य कार्य है, जिससे किसी की जान बच सकती है। लेकिन यदि कोई संक्रमित व्यक्ति जानबूझ कर ऐसा करता है, तो यह पुण्य नहीं, पाप है।”