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नेत्र सुरक्षा की ओर एक कदम: लातेहार में डोर-टू-डोर दृष्टि जांच अभियान का हुआ विस्तार

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नेत्र सुरक्षा की ओर एक कदम: लातेहार में डोर-टू-डोर दृष्टि जांच अभियान का हुआ विस्तार

लातेहार, 13 जून 2025 — दृष्टि स्वास्थ्य को लेकर लातेहार जिला प्रशासन द्वारा एक सराहनीय पहल की गई है। सफलतापूर्वक पहले चरण में पांच पंचायतों में निःशुल्क नेत्र जांच एवं जागरूकता अभियान चलाने के बाद, अब इस योजना को पूरे लातेहार प्रखंड की 13 पंचायतों में विस्तारित किया गया है। इस अभियान का संचालन लेंसकार्ट फाउंडेशन और जिला प्रशासन लातेहार के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

अभियान की नई शुरुआत के तहत आज दिनांक 13 जून 2025 को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता एवं आईटीडीए निदेशक श्री प्रवीण गगरई के द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित 26 महिला दीदियों को प्राथमिक नेत्र जांच किट वितरित की गईं। ये दीदियाँ प्रत्येक पंचायत में डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से नागरिकों की प्रारंभिक नेत्र जांच करेंगी। यह प्रक्रिया 14 जून 2025 से प्रारंभ होगी।

प्राथमिक जांच में दृष्टि से संबंधित समस्याओं की पहचान के उपरांत, चयनित लोगों को विशेष नेत्र देखभाल शिविरों में आमंत्रित किया जाएगा, जहाँ अनुभवी नेत्र चिकित्सक उनकी गहन जांच करेंगे। यदि आवश्यक हुआ, तो मरीजों को निःशुल्क चश्मा भी प्रदान किया जाएगा ताकि उन्हें बेहतर दृष्टि सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

इससे पहले अभियान के प्रथम चरण में दिनांक 26 मई से 30 मई 2025 के बीच पाँच पंचायतों — सांसग, नावागढ़, पाण्डेयपुरा, परसही और मोंगर — में नेत्र जांच शिविर आयोजित किए गए थे। इस दौरान कुल 1800 लोगों की जांच की गई थी। इनमें 315 लोगों की जांच सांसग पंचायत में, 386 नावागढ़ में, 338 पाण्डेयपुरा में, 409 परसही में और 352 मोंगर पंचायत में की गई थी। जांच के दौरान सैकड़ों नागरिकों में विभिन्न दृष्टि संबंधित समस्याओं की पहचान की गई, जिन्हें बाद में उपचार और दृष्टि सहायता दी गई।

यह पहल न सिर्फ लोगों को घर के द्वार पर नेत्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में दृष्टि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम भी बन रही है। विशेष रूप से महिला दीदियों को इस कार्य में जोड़ना नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक पहल है, जिससे वे न केवल समुदाय के स्वास्थ्य में योगदान दे रही हैं बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर हो रही हैं।

लेंसकार्ट फाउंडेशन और जिला प्रशासन की इस समन्वित कोशिश से उम्मीद की जा रही है कि लातेहार जिले में नेत्र स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समय रहते पहचाना और उपचारित किया जा सकेगा। यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।

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