
स्वच्छ गढ़वा-सुंदर गढ़वा‘ की इमारत में नींव के पत्थर हैं स्वच्छता कर्मी : एसडीएम
अनूप कुमार गुप्ता,
गढ़वा। सदर एसडीएम संजय कुमार ने अपने नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम ‘कॉफी विद एसडीएम’ में जिले के स्वच्छता कर्मियों को बुधवार को आमंत्रित किया। इसमें गढ़वा एवं मझिआंव क्षेत्र के 75 स्वच्छता कर्मी ने भाग लिया।
इसमें संजय कुमार ने केवल स्वच्छता कर्मियों से उनकी समस्याएं जानीं। शहर के विकास में उनके सुझाव लिए। उनके योगदान को रेखांकित करते हुए अंग वस्त्र प्रदान कर सभी को सम्मानित भी किया।
सदस्यों ने राशन कार्ड, आवास योजना, आयुष्मान कार्ड, घर के बुजुर्गों की पेंशन आदि जैसे मुद्दों से जुड़ी शिकायतें और समस्याएं रखीं। एसडीएम ने एक-एक कर नोट किया। सभी को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के निस्तारण की दिशा में संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।
कुछ लोगों ने शहर की बेहतरी को लेकर कई सकारात्मक सुझाव भी दिये।
मझिआंव नगर पंचायत से पहुंचे स्वच्छता कर्मी समुद्री देवी, शकुंतला देवी, अरुण कुमार, राकेश कुमार, बबलू राम, गोविंदा तथा विकास कुमार आदि ने कहा कि उन लोगों को समय से मासिक मजदूरी नहीं मिल पाती है, कई महीनों के बकाया होने के उपरांत एक-एक महीने की मजदूरी मिलती है।
उन्हें हर माह ससमय मजदूरी मिले। गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के स्वच्छता कर्मचारी जितेंद्र राम, राजू राम, जगन राम आदि ने वेतन वृद्धि एवं उनके स्थाईकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए पहल करने का अनुरोध किया।
ज्यादातर स्वच्छता कर्मियों ने अपने परिवार के लिए आवास मुहैया कराने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि गढ़वा के ज्यादातर स्वच्छता कर्मी टंडवा के स्वीपर मोहल्ला (विवेकानंद कॉलोनी) में रहते हैं।
नदी किनारे बसी इस स्लम बस्ती में लोगों ने झोपड़ी नुमा घर तो बना लिया है, लेकिन उन लोगों के पास इसका मालिकाना हक या रसीद आदि नहीं है। इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस दिशा में उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया कि वे स्लम विकास परियोजना के तहत उनके आवास बनवाने की दिशा में आवश्यक पहल कर सकते हैं।
टंडवा की सुमन देवी एवं कुछ अन्य महिला कर्मियों ने कहा कि उन्हें लगातार काम करने के बदले जो मासिक मजदूरी मिलती है, उसके बलबूते वे अपने बच्चों को पढ़ा लिखा नहीं सकतीं।
इस पर संजय कुमार ने सभी को बताया कि सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है, बल्कि छात्रवृत्ति, पुस्तकें, ड्रेस, बैग, मध्यान्ह भोजन आदि की सुविधा सरकार की ओर से मिलती है। इसलिए उन्हें उनके बच्चों की पढ़ाई में उनकी कम आय कभी बाधा नहीं बनेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि उनके बच्चों को पढ़ने में कोई दिक्कत आती है तो वे उनसे बताएं वे बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालयों में एवं बच्चों का आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिलवाने के लिए नियमानुसार समन्वयात्मक सहयोग कर सकते हैं।
स्वच्छता कर्मियों ने एकजुटता से कहा कि उनकी बस्ती में भी नाली, सड़क, पाइप लाइन जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट आदि की सुविधा मिले। राजूराम और जगन राम ने कहा कि उनके मोहल्ले में सप्लाई के पानी का पाइप बिछा दिया गया है, किंतु कनेक्शन इसलिए नहीं मिला है। उनके पास केवाला या रसीद आदि दिखाने को नहीं है। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक मदद का भरोसा दिलाया।
स्वच्छता कर्मियों ने एसडीएम के समक्ष अपनी पीड़ा भी बताई। उन्होंने कहा कि वे जिस निष्ठा के साथ शहर की गली-गली में साफ सफाई सुनिश्चित करते हैं, उसके बदले में नागरिकों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है। अपने कार्यक्षेत्र के नागरिकों को समझा-समझा कर परेशान हो गए कि वे यत्र तत्र कूड़ा नहीं फेंके। हालांकि सफाई करने के तुरंत बाद ही लोग फिर उसी जगह कूड़ा फेंक देते हैं। इस पर संजय कुमार ने शहर के सभी नागरिकों से अनुरोध किया कि वे शहर की स्वच्छता बनाए रखने में सफाई कर्मियों का नैतिक सहयोग करें। कूड़ा सही तरीके से सौंपें और यत्र तत्र कूड़ा ना फैलाएं।
एसडीएम में सभी स्वच्छता कर्मियों से अपील की कि चूंकि वे नित्य प्रतिदिन हर गली मोहल्ले तक पहुंच रखते हैं। इसलिए उनको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस बात की जानकारी होती है कि शहर में कहां पर संवेदनशील या आपत्तिजनक गतिविधियां चलती हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में ऐसी गोपनीय सूचनाओं को उन तक पहुंचाएं, ताकि अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि सूचना देने वालों कर्मियों के नाम पूरी तरह गोपनीय रखे जाएंगे।
संवाद में ये मौजूद थे।
इस दौरान रामानुज प्रसाद, विजयपाल, मदन कुमार, अमित कुमार, जितेंद्र राम, अजय कुमार, पवन कुमार, अमन कुमार, करण राम, जगन राम, बसंती देवी, फूला देवी, रूबी देवी, रानी देवी, चमेला देवी, रीता देवी, बिजली कुमारी, सोनू राम, सरयू राम, कमलेश प्रजापति, दीपक राम, बबलू राम, चंदन राम, मुन्ना कुमार, मीरा देवी, उर्मिला देवी, सुमित्रा देवी, नंदिनी, सोनवा देवी, शीला देवी, पूजा देवी, ज्योति कुमारी, मधु ममता, राजू, धीरज सहित 75 स्वच्छता कर्मचारी मौजूद थे।