0 0 lang="en-US"> मदर्स डे पर दुलदुलवा में शराब मुक्ति की ऐतिहासिक शुरुआत, प्रशासनिक पहल को ग्रामीणों का समर्थन
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मदर्स डे पर दुलदुलवा में शराब मुक्ति की ऐतिहासिक शुरुआत, प्रशासनिक पहल को ग्रामीणों का समर्थन

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मदर्स डे पर दुलदुलवा में शराब मुक्ति की ऐतिहासिक शुरुआत, प्रशासनिक पहल को ग्रामीणों का समर्थन

580 महिला समूहों को मिली जिम्मेदारी, अवैध शराब कारोबार छोड़ने का संकल्प

अनूप कुमार गुप्ता
गढ़वा। गढ़वा जिले के दुलदुलवा गांव में मदर्स डे के मौके पर रविवार को प्रशासनिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल की गई। गांव को शराब मुक्त बनाने के उद्देश्य से सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार की अगुवाई में पंचायत भवन में करीब तीन घंटे तक विशेष बैठक हुई, जिसमें लगभग 200 ग्रामीण शामिल हुए। बैठक में गांव के उन परिवारों की काउंसलिंग की गई जो वर्षों से अवैध महुआ शराब निर्माण और बिक्री से जुड़े हैं।

एसडीओ के साथ एसडीपीओ नीरज कुमार, मेराल अंचल अधिकारी यशवंत नायक, जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला, मुखिया राम प्रताप शाह सहित प्रखंड के विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने ग्रामीणों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और वैकल्पिक रोजगार के विकल्पों पर चर्चा की।

एसडीओ ने स्पष्ट कहा कि वर्तमान में दुलदुलवा का नाम अवैध शराब के कारोबार के लिए बदनाम है और यहां से गढ़वा सहित आसपास के इलाकों में शराब की आपूर्ति होती है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अब इस धंधे से नाता तोड़कर अपने गांव की साख को बहाल करें। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यदि ग्रामीण शराब छोड़ने का संकल्प लें, तो प्रशासन इस गांव को गोद लेकर इसके सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करेगा।

इस अपील का सकारात्मक असर दिखा और वर्षों से शराब कारोबार में लगे कई परिवारों ने हाथ उठाकर शराब नहीं बनाने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने प्रशासन को यह भी बताया कि गांव में खेती में नुकसान का एक बड़ा कारण जंगली हाथियों का आना है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि महुआ शराब की गंध हाथियों को आकर्षित करती है और शराब बंदी के बाद संभवतः यह समस्या भी कम हो सकती है।

बैठक में प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को कई सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई, जैसे:

प्रखंड कल्याण पदाधिकारी और उद्यम समन्वयक ने जानकारी दी कि इच्छुक परिवारों को ₹25,000 से ₹25 लाख तक की ऋण सहायता भी दी जा सकती है ताकि वे वैकल्पिक रोजगार की ओर अग्रसर हो सकें।

डीपीएम विमलेश शुक्ला ने जानकारी दी कि दुलदुलवा में कुल 580 महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। इन समूहों को शराब मुक्ति अभियान का नेतृत्व सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि ये समूह शराब विरोधी अभियान के साथ-साथ ग्रामीणों को वैकल्पिक व्यवसाय की जानकारी देने, उन्हें प्रेरित करने और सरकारी योजनाओं से जोड़ने का भी कार्य करेंगे।

मदर्स डे के अवसर पर गांव की महिलाओं को इस अभियान का नेतृत्व देना एक सशक्त सामाजिक संदेश भी है, जो बताता है कि यदि महिलाएं आगे आएं तो सामाजिक बदलाव संभव है।

कार्यक्रम में वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष संतोष यादव के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने अपने विचार रखे। इनमें शमशेर अंसारी, अशोक पाल, विनोद चंद्रवंशी, शबनम आरा, लीलावती देवी, गीता देवी, पूनम कुमारी, चुन्नू साहब, अरुण गुप्ता, सत्येंद्र चंद्रवंशी सहित अन्य लोग शामिल रहे। सभी ने गांव को नशामुक्त और सम्मानजनक जीवनशैली की ओर ले जाने की सामूहिक प्रतिबद्धता जताई।

एसडीओ संजय कुमार ने अंत में कहा कि दुलदुलवा अब बदलाव की ओर बढ़ चला है। प्रशासन न सिर्फ पुनर्वास की दिशा में कार्य करेगा, बल्कि इस गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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