
नई दिल्ली | डेस्क रिपोर्ट
भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई को एक बड़े पैमाने पर अंजाम दिए गए गुप्त सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें भारत के कई जवान शहीद हुए थे।
एएनआई (ANI) न्यूज एजेंसी ने शनिवार को भारतीय खुफिया एजेंसियों के हवाले से जानकारी दी कि मारे गए आतंकियों में से 5 खतरनाक और वांछित आतंकियों की पहचान की गई है। इनका नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से जुड़े मामलों में पहले ही सामने आ चुका है।
मारे गए टॉप 5 आतंकियों की सूची:
- अबू जुंदाल – मुंबई 26/11 हमलों में शामिल और भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल।
- हाफिज मुहम्मद जमील – लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ सदस्य और POK में आतंकी गतिविधियों का संचालक।
- मोहम्मद यूसुफ अजहर – कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा रहा।
- मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब – जम्मू-कश्मीर में आतंकी मॉड्यूल्स का समन्वयक।
- मोहम्मद हसन खान – भारतीय जवानों पर हमलों और हथियारों की तस्करी में शामिल।
हालांकि, ये सभी आतंकी एक ही स्थान पर मारे गए या अलग-अलग ठिकानों पर, इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है
“ऑपरेशन सिंदूर” ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और आक्रामक रणनीति अपना चुका है। पाकिस्तान की सरजमीं पर पलने वाले आतंकियों के खिलाफ यह कार्रवाई भारत की ओर से एक कड़ा और स्पष्ट संदेश है कि अब आतंकी घटनाओं का जवाब केवल बयानों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से दिया जाएगा।
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया: स्थिति असहज
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना ने आधिकारिक रूप से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पाक मीडिया और सोशल मीडिया पर बौखलाहट साफ देखी गई। वहीं, कई रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी सैन्य प्रमुखों की आपात बैठकें बुलाई गईं और सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिला समर्थन
इस ऑपरेशन के बाद अमेरिका, फ्रांस और जापान सहित कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की इस पहल को सकारात्मक कदम बताया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कार्यालय ने भी यह बयान दिया कि सभी देशों को आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए।
विशेषज्ञों की राय
सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन का कहना है कि “ऑपरेशन सिंदूर एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक है। इससे पाकिस्तान को यह संदेश गया है कि अब आतंकी हमलों का परिणाम उसके ही घर में भुगतना पड़ेगा।”
राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक ब्रह्मा चेलानी कहते हैं, “भारत की यह नीति भविष्य में आतंकवादियों की हिम्मत तोड़ने का काम करेगी, साथ ही उनकी भर्ती प्रक्रिया को भी प्रभावित करेगी।
भारत का “ऑपरेशन सिंदूर” न केवल एक सटीक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह एक राजनीतिक-सामरिक संदेश भी है कि अब भारत की आतंकी हमलों पर प्रतिक्रिया सीमाओं से परे जाकर दी जाएगी। यह कार्रवाई यह भी दिखाती है कि भारत अब अपने नागरिकों और जवानों की शहादत को खामोशी से नहीं लेगा, बल्कि दुश्मन को उसकी ही जमीन पर सबक सिखाएगा।
भारत का “ऑपरेशन सिंदूर” न केवल एक सटीक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह एक राजनीतिक-सामरिक संदेश भी है कि अब भारत की आतंकी हमलों पर प्रतिक्रिया सीमाओं से परे जाकर दी जाएगी। यह कार्रवाई यह भी दिखाती है कि भारत अब अपने नागरिकों और जवानों की शहादत को खामोशी से नहीं लेगा, बल्कि दुश्मन को उसकी ही जमीन पर सबक सिखाएगा।
भारत का “ऑपरेशन सिंदूर” न केवल एक सटीक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह एक राजनीतिक-सामरिक संदेश भी है कि अब भारत की आतंकी हमलों पर प्रतिक्रिया सीमाओं से परे जाकर दी जाएगी। यह कार्रवाई यह भी दिखाती है कि भारत अब अपने नागरिकों और जवानों की शहादत को खामोशी से नहीं लेगा, बल्कि दुश्मन को उसकी ही जमीन पर सबक सिखाएगा।
source-bhaskar