0 0 lang="en-US"> गरीबी बनी मौत की वजह:आर्थिक तंगी से परेशान मां ने बेटे संग कुएं में कूदकर दी जान
NEWS APPRAISAL

गरीबी बनी मौत की वजह:आर्थिक तंगी से परेशान मां ने बेटे संग कुएं में कूदकर दी जान

Read Time:5 Minute, 43 Second
गरीबी बनी मौत की वजह:आर्थिक तंगी से परेशान मां ने बेटे संग कुएं में कूदकर दी जान

खूंटी जिले में दर्दनाक घटना: मां ने तीन वर्षीय बेटे को पीठ पर बांधकर कुएं में कूदकर दी जान

श्रद्धानंद की रिपोर्ट,

झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां छाता पंचायत के सावदा गांव में 38 वर्षीय झालो बारला नामक महिला ने अपने तीन वर्षीय बेटे को पीठ पर बांधकर कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है।

घटना का विवरण

बताया जाता है कि शुक्रवार की रात झालो बारला अपने तीन बच्चों—दो बेटियां और एक बेटे—के साथ घर से निकली थी। उसने अपने बेटे को पीठ पर बांधा हुआ था और दोनों बेटियों के साथ पैदल ही घर से कुछ दूरी पर स्थित एक कुएं की ओर गई। वहां पहुंचकर उसने बेटे के साथ कुएं में छलांग लगा दी।

मां को कुएं में कूदते देख दोनों बेटियां घबराकर घर की ओर भागीं और अपने पिता बिजला बारला को इस घटना की जानकारी दी। बेटियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे और दोनों को कुएं से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मां और बेटे की मौके पर ही मौत हो गई थी।

गरीबी और नशे की लत बनी आत्महत्या की वजह?

पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतका झालो बारला का पति बिजला बारला एक दिहाड़ी मजदूर है। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी और झालो बारला अक्सर नशे की गिरफ्त में रहती थी। नशे की वजह से उसकी मानसिक स्थिति भी खराब हो गई थी।

ग्रामीणों का कहना है कि पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी के कारण महिला काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान थी। इसी मानसिक तनाव के कारण उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।

पुलिस जांच में जुटी, गांव में मातम

शनिवार सुबह इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पंचायत के मुखिया सुखराम ने कर्रा थाना पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एसआई निशा कुमारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया।

इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। मृतका के पति बिजला बारला का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं दोनों बेटियां भी सदमे में हैं। गांव के लोग इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध हैं और परिवार को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं।

आर्थिक तंगी बनी आत्महत्या की बड़ी वजह?

यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर प्रश्न खड़ा करती है। गरीबी और मानसिक तनाव किस हद तक इंसान को तोड़ सकते हैं, इसका यह ज्वलंत उदाहरण है। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में गरीबी और नशे की समस्या आम है, जो कई परिवारों को बर्बाद कर रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और नशामुक्ति अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।

क्या होनी चाहिए सरकार और समाज की भूमिका?

इस घटना से सबक लेते हुए समाज और सरकार को मिलकर कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए:

  1. आर्थिक सहायता: गरीब परिवारों के लिए आर्थिक सहायता योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए।
  2. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान: मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने और मुफ्त परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।
  3. नशामुक्ति अभियान: खासकर महिलाओं और मजदूर वर्ग के बीच नशे की लत को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
  4. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता कार्यक्रम चलाने चाहिए।

खूंटी जिले की इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों की कहानी है जो गरीबी, नशे और मानसिक तनाव की वजह से बर्बाद हो रहे हैं। अगर समय रहते सरकार, प्रशासन और समाज ने मिलकर ठोस कदम नहीं उठाए, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।

About Post Author

NEWS APPRAISAL

It seems like you're looking for information or an appraisal related to news. However, your request is a bit vague. News can cover a wide range of topics and events. If you have a specific news article or topic in mind that you'd like information or an appraisal on,
Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version