0 0 lang="en-US"> रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने किया अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2025 का विरोध
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रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने किया अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2025 का विरोध

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रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने किया अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2025 का विरोध

रांची। अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभु अग्रवाल और महासचिव संजय विद्रोही के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने नए बार भवन परिसर से अल्बर्ट एक्का चौक तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला और विधेयक के प्रावधानों पर नाराजगी जाहिर की। अधिवक्ताओं ने इसे वकीलों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।

शांतिपूर्ण मार्च और विरोध प्रदर्शन

गुरुवार को वकीलों की एक बड़ी संख्या नए बार भवन परिसर में एकत्र हुई, जहां एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विधेयक के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च किया। इस दौरान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से विधेयक को वापस लेने की मांग की।

क्या है अधिवक्ताओं की मांग?

रांची जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2025 के कई प्रावधान वकीलों के पेशेवर अधिकारों को सीमित करते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और कार्यशैली पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। अधिवक्ताओं ने सरकार से अपील की कि इस विधेयक को जल्द से जल्द वापस लिया जाए और इस पर पुनर्विचार किया जाए।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभु अग्रवाल ने कहा, “यह विधेयक अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और इसे वापस लेने की मांग करते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो हमें अपने विरोध को और तेज करना होगा।”

महासचिव संजय विद्रोही ने कहा, “विधेयक में ऐसे प्रावधान शामिल किए गए हैं, जो वकीलों के अधिकारों और स्वायत्तता को बाधित करते हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि अधिवक्ताओं की राय को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक में संशोधन किया जाए।”

आगे की रणनीति

बार एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार इस विधेयक को जल्द वापस नहीं लेती है या इसमें आवश्यक संशोधन नहीं करती है, तो विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि जरूरत पड़ी तो वे अदालतों में कामकाज भी ठप कर सकते हैं।

सरकार से वार्ता की संभावना

वकीलों के विरोध को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है। सरकार ने संकेत दिया है कि वह अधिवक्ताओं की मांगों पर विचार करने को तैयार है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत हो सकती है।

अधिवक्ताओं का एकजुटता प्रदर्शन

रांची के अधिवक्ताओं ने एक बार फिर अपनी एकता का परिचय दिया और स्पष्ट कर दिया कि वे अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। बार एसोसिएशन ने अन्य जिलों के वकीलों से भी अपील की है कि वे इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।

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