
पंकज कुमार यादव की रिपोर्ट,
लातेहार: जिले के गारु प्रखंड अंतर्गत मायापुर पंचायत स्थित पहाड़कोचा में सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं का एक और मामला सामने आया है। यहां निर्माणाधीन चारदीवारी में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की खबरें आ रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में निम्न गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे निर्माण की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं।
निर्माण में हो रही अनियमितताएं
ग्रामीणों के अनुसार, चारदीवारी के निर्माण में 8 एमएम के कमजोर लोहे के छड़, घटिया गुणवत्ता की ईंट और खराब सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से चारदीवारी की उम्र कम होगी और यह कुछ ही वर्षों में क्षतिग्रस्त हो सकती है।
इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी बताया कि निर्माण स्थल पर किसी भी प्रकार का सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिससे इस परियोजना की पारदर्शिता पर संदेह बढ़ गया है। नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी निर्माण कार्य के दौरान साइट पर एक सूचना बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य होता है, जिसमें परियोजना की लागत, अवधि, कार्यकारी एजेंसी और ठेकेदार का नाम जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां अंकित होती हैं। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों को निर्माण कार्य से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
ग्रामीणों में आक्रोश, विभाग से कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस तरह की अनियमितताओं पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह निर्माण लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा और जनता के पैसे की बर्बादी होगी। उन्होंने संबंधित विभागों से इस मामले की तुरंत जांच करने और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी योजनाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार आम बात हो गई है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर समय रहते अधिकारियों ने इस पर संज्ञान नहीं लिया, तो यह निर्माण कार्य अन्य भ्रष्टाचार से ग्रस्त सरकारी परियोजनाओं की तरह ही असफल हो जाएगा।
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा? लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण सरकारी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित नहीं हो पातीं, जिससे आम जनता को नुकसान उठाना पड़ता है।
यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह निर्माण कार्य भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अब देखने वाली बात होगी कि क्या संबंधित अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और दोषियों पर कार्रवाई करेंगे, या फिर यह मामला भी अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
स्थानीय जनता ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द एक टीम गठित कर निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और इसमें संलिप्त दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए, तो यह मामला और भी बड़ा हो सकता है, जिससे आम जनता का सरकारी व्यवस्था पर से विश्वास और भी कम हो जाएगा।
ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि इस बार प्रशासन उनकी आवाज सुनेगा और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएगा।