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“सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना” से संवरेगा किशोरियों का भविष्य

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"सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना" से संवरेगा किशोरियों का भविष्य

झारखंड सरकार ने राज्य की किशोरियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को रोकने के उद्देश्य से सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग की छात्राओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और आत्मनिर्भर बनें। सरकार का यह कदम न केवल बेटियों को सशक्त बनाएगा बल्कि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता

इस योजना के तहत राज्य सरकार 8वीं से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को कुल 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस राशि को अलग-अलग चरणों में किश्तों के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, जब छात्रा 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेगी, तो उसे 20,000 रुपये की एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। यह सहायता राशि उनकी उच्च शिक्षा और भविष्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी।

योजना का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को शिक्षित बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना है। झारखंड सरकार का मानना है कि अगर बालिकाओं को शिक्षा का अवसर मिलेगा, तो वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगी।

बाल विवाह पर लगेगा अंकुश

भारत में आज भी कई इलाकों में बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक समस्या बनी हुई है। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और लड़कियों को शादी के बजाय शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करना है। कई बार आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता अपनी बेटियों की शादी जल्दी कर देते हैं, जिससे उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता अभिभावकों को अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी और बाल विवाह पर रोक लगाने में सहायक साबित होगी।

पात्रता और लाभार्थी छात्राओं की सूची

इस योजना का लाभ उन्हीं छात्राओं को मिलेगा, जो झारखंड की स्थायी निवासी हैं और 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में शामिल 27 लाख परिवारों या अंत्योदय योजना के तहत सूचीबद्ध 10 लाख परिवारों में से किसी एक से संबंधित हैं। यह योजना विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों की बेटियों के लिए बनाई गई है, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है। छात्राओं को अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या जिला समाज कल्याण कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र जमा करना होगा। आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य होंगे—

इसके अलावा, आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन भी किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक छात्राएं इस योजना का लाभ उठा सकें।

सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और पहल

झारखंड सरकार पहले भी कई योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर चुकी है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना और कन्या सुमंगला योजना जैसी पहलों के बाद, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि “हमारी सरकार झारखंड की बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा ही उन्हें सशक्त बना सकती है और यह योजना उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है।”

योजना से होने वाले लाभ

  1. शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा – आर्थिक सहायता मिलने से छात्राओं को पढ़ाई में रुकावट नहीं आएगी।
  2. बाल विवाह पर रोक – माता-पिता को बेटियों की पढ़ाई के प्रति जागरूक किया जाएगा, जिससे कम उम्र में शादी का चलन कम होगा।
  3. महिला सशक्तिकरण – किशोरियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, जिससे वे आगे चलकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी।
  4. गरीब परिवारों को राहत – आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को पढ़ाई के लिए अतिरिक्त सहायता मिलेगी।

समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना झारखंड की लड़कियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इससे न केवल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति भी मजबूत होगी। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से झारखंड में महिला साक्षरता दर में वृद्धि होगी और राज्य की किशोरियां एक उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकेंगी।

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