
शादी से पहले वित्तीय स्थिति की पड़ताल का नया तरीका
समय के साथ शादी तय करने के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले जहां शक्ल-सूरत, परिवार, नौकरी और कुंडली को देखकर रिश्ते तय किए जाते थे, अब वित्तीय स्थिति भी एक महत्वपूर्ण पैमाना बन गई है। खासकर शहरी क्षेत्रों में लोग सिर्फ बैंक बैलेंस ही नहीं, बल्कि क्रेडिट हिस्ट्री और CIBIL स्कोर भी जांचने लगे हैं। इसी तरह का एक मामला हाल ही में सामने आया, जहां एक युवक का रिश्ता उसकी खराब क्रेडिट हिस्ट्री के कारण टूट गया।
क्या है मामला?
दिल्ली के रहने वाले 30 वर्षीय रोहित (परिवर्तित नाम) की शादी की बात लखनऊ की एक लड़की से चल रही थी। दोनों परिवारों की शुरुआती बातचीत अच्छी रही, और शादी तय होने की संभावना भी प्रबल दिख रही थी। लड़के के माता-पिता ने बताया कि रोहित एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी नौकरी करता है और उसकी आमदनी भी अच्छी है। लड़की के माता-पिता ने जब यह सुना तो वे संतुष्ट हो गए।
हालांकि, लड़की के पिता जो खुद एक बैंक अधिकारी हैं, उन्होंने एक अनोखा कदम उठाया। उन्होंने शादी पक्की करने से पहले रोहित का CIBIL स्कोर चेक करवाने का निर्णय लिया। जब उन्होंने क्रेडिट ब्यूरो से रिपोर्ट मंगवाई, तो वे हैरान रह गए।
CIBIL स्कोर ने खोली पोल
CIBIL स्कोर किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण आंकड़ा होता है, जो 300 से 900 अंकों के बीच होता है। आमतौर पर 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और इससे बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान लोन देने के लिए अधिक इच्छुक रहते हैं।
जब रोहित की रिपोर्ट आई, तो उसका स्कोर 580 के करीब था, जो खराब माना जाता है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि उसने कई बार क्रेडिट कार्ड की भुगतान देरी से की थी, साथ ही उसने एक पर्सनल लोन लिया था जिसका भुगतान अभी बाकी था। इतना ही नहीं, कई बार लोन की किस्तें भी लेट हुई थीं, जिससे उसकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो गई थी।
लड़की के परिवार ने कर दिया रिश्ता तोड़ने का फैसला
रोहित की वित्तीय स्थिति जानने के बाद लड़की के पिता को संदेह हुआ कि हो सकता है कि वह आर्थिक रूप से ज़्यादा स्थिर न हो या अपने खर्चों को ठीक से मैनेज न कर पा रहा हो। उन्होंने इस बारे में अपनी बेटी से चर्चा की और फिर परिवार ने रिश्ता खत्म करने का फैसला किया।
लड़की के पिता का कहना था कि, “शादी सिर्फ एक भावनात्मक संबंध नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक स्थिरता भी मायने रखती है। अगर अभी से ही वित्तीय अनुशासन नहीं है, तो आगे चलकर यह हमारे बेटी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।”
बढ़ता ट्रेंड: शादी से पहले CIBIL स्कोर की जांच
यह पहला ऐसा मामला नहीं है जहां शादी से पहले CIBIL स्कोर के आधार पर फैसला लिया गया हो। हाल के वर्षों में यह एक नई प्रवृत्ति के रूप में उभर रहा है, खासकर शहरों में जहां लोग वित्तीय स्थिरता को ज्यादा महत्व देने लगे हैं।
- वित्तीय सुरक्षा बनी प्राथमिकता: शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। ऐसे में कोई भी परिवार नहीं चाहता कि उनकी बेटी को शादी के बाद किसी आर्थिक संकट का सामना करना पड़े।
- बैंकों से लोन लेने में दिक्कत: यदि दूल्हे का क्रेडिट स्कोर खराब है, तो शादी के बाद यदि कपल को घर खरीदने या किसी अन्य जरूरत के लिए लोन लेना हो, तो उन्हें मुश्किलें आ सकती हैं।
- आर्थिक जिम्मेदारी का संकेत: CIBIL स्कोर यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपने खर्चों और कर्ज को कितनी समझदारी से मैनेज करता है।
CIBIL स्कोर सुधारने के उपाय
जो लोग शादी से पहले या सामान्य जीवन में अपना CIBIL स्कोर सुधारना चाहते हैं, उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार हैं:
- क्रेडिट कार्ड और लोन की किस्तें समय पर चुकाएं।
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से अधिक उपयोग करने से बचें।
- यदि कोई पुराना लोन बकाया है, तो उसे जल्द से जल्द चुका दें।
- बार-बार नए लोन के लिए आवेदन न करें, इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- हर 6 महीने में अपना CIBIL स्कोर चेक करते रहें और किसी गलती को तुरंत सुधारने का प्रयास करें।
आज के दौर में शादी सिर्फ पारिवारिक और सामाजिक मिलन तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि वित्तीय स्थिरता भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन गई है। जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे CIBIL स्कोर को चेक करना भी आम होता जा रहा है।
इस मामले से यह स्पष्ट है कि अब सिर्फ अच्छी नौकरी या परिवार ही नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन भी एक बड़ा फैक्टर बन गया है। अगर आप शादी की योजना बना रहे हैं, तो समय रहते अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान दें, वरना आपकी शादी में भी CIBIL स्कोर एक रोड़ा बन सकता है!