
रांची: झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी में हुए दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने बिहार रेजिमेंट के जवान मनोहर टोप्पो और उसके साथी मनोज कच्छप को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से एके-47 और बड़ी संख्या में गोलियां बरामद हुईं। इस मामले के खुलासे के साथ ही जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित सेना के बैरक से जुलाई 2024 में चोरी हुए एके-47 की गुत्थी भी सुलझ गई है।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है। यह मामला बुधवार को नगड़ी में बुधराम मुंडा और मनोज कच्छप की गोली मारकर हत्या से जुड़ा है।
हत्या के बाद जंगल में दफना दी थी एके-47
हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद मनोहर टोप्पो ने एके-47 को जंगल में छिपा दिया था। पुलिस की सख्त पूछताछ के बाद उसने हथियार के छिपाए जाने की जगह का खुलासा किया, जिसके बाद पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
मनोहर टोप्पो की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित 47 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट में दो साल के लिए हुई थी। उसने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जुलाई 2024 में कुपवाड़ा स्थित सेना के बैरक से एके-47 चोरी कर लिया था।
सेना से चोरी किए गए हथियार का इस्तेमाल किया
मनोहर टोप्पो ने एके-47 चोरी करने के बाद अपने दोस्त सुनील कच्छप को जम्मू बुलाया। सुनील फ्लाइट से जम्मू पहुंचा, जहां उसे मनोहर ने एके-47 सौंप दी। इसके बाद सुनील बस से दिल्ली पहुंचा और वहां से ट्रेन लेकर रांची आया। रांची आने के बाद उसने हथियार को छिपाकर रख दिया।
इसके बाद मनोहर बरेली में ड्यूटी पर चला गया और फिर एक महीने की छुट्टी लेकर रांची आया। मनोहर को 9 फरवरी को वापस ड्यूटी पर लौटना था। इस कारण उसने इससे पहले ही बुधराम मुंडा की हत्या की योजना बना ली।
सेना में चल रही थी जांच, कई जवानों की नौकरी बचाने का दावा
पुलिस पूछताछ में मनोहर टोप्पो ने कबूल किया कि कुपवाड़ा से एके-47 चोरी होने के बाद सेना में जांच चल रही थी। कई जवानों पर हथियार चोरी का संदेह था और उनकी नौकरी खतरे में थी।
मनोहर ने दावा किया कि अब मामले के खुलासे के बाद उन जवानों की नौकरी बच जाएगी। सेना की ओर से चोरी की जांच के दौरान मनोहर भी कुपवाड़ा में तैनात था और उसी के बैरक में रहने वाले कई जवानों पर भी शक था।
रांची पुलिस करेगी सेना को रिपोर्ट सौंपने की तैयारी
रांची पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने बताया कि मामले की पूरी रिपोर्ट सेना को भेजी जाएगी। सेना की ओर से पहले से ही इस मामले की जांच की जा रही थी, लेकिन अब हथियार की बरामदगी और गिरफ्तारी के बाद नए सुराग मिले हैं।
इस मामले के खुलासे के बाद सेना में अनुशासन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद एक सैनिक एके-47 जैसी खतरनाक राइफल चोरी कर बाहर कैसे ले गया?
हत्या की वजह और आरोपियों की साजिश
अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बुधराम मुंडा और मनोज कच्छप की हत्या की असल वजह क्या थी। पुलिस को शक है कि यह हत्या आपसी रंजिश, संपत्ति विवाद या अन्य किसी दुश्मनी के कारण की गई हो सकती है।
मनोहर टोप्पो और उसके साथी मनोज कच्छप ने पूरी योजना के साथ इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने पहले एके-47 को चोरी किया, फिर उसे छिपाकर रखा और हत्या के लिए इस्तेमाल किया।
पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि क्या इस साजिश में और लोग शामिल थे?
पुलिस और सेना के लिए बड़ी चुनौती
इस घटना ने सेना की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक जवान द्वारा सेना से एके-47 चोरी कर लाना और उसका इस्तेमाल हत्या के लिए करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
इस घटना से यह भी साफ होता है कि हथियारों की सुरक्षा के नियमों में सख्ती बढ़ाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
रांची के नगड़ी में दो हत्याओं के मामले में बिहार रेजिमेंट के जवान मनोहर टोप्पो और उसके साथी को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से चोरी की गई एके-47 बरामद हुई है।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि सेना में इस चोरी की जांच पहले से चल रही थी और कई जवानों की नौकरी दांव पर लगी थी। अब मामले के खुलासे के बाद सेना इस पर आगे की कार्रवाई करेगी।
इस घटना से सेना की आंतरिक सुरक्षा और हथियारों की निगरानी प्रणाली पर सवाल उठे हैं, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।