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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना: बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना: बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य समाज में बेटियों को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना, बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना और महिलाओं की सामाजिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। इस योजना के तहत, निर्धन परिवारों की कन्याओं को विवाह के अवसर पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और उनके विवाह में वित्तीय कठिनाइयाँ न आएं।

योजना के उद्देश्य

  1. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण – विवाह के अवसर पर वित्तीय सहायता प्रदान कर महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना।
  2. बाल विवाह प्रथा का उन्मूलन – निर्धन परिवारों को विवाह के लिए आर्थिक सहायता देकर बाल विवाह की समस्या को समाप्त करना।

योजना का स्वरूप

इस योजना के अंतर्गत झारखंड राज्य के अंत्योदय अन्न योजना कार्ड (पीला रंग का राशन कार्ड), पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ कार्ड (गुलाबी रंग का राशन कार्ड) और K-Oli राशन कार्ड (सफेद रंग का राशन कार्ड) धारक परिवार की कन्याओं को उनके विवाह के अवसर पर ₹30,000 की आर्थिक सहायता उनके बचत खाते में ABPS/NEFT/RTGS/PFMS के माध्यम से दी जाएगी।

लाभार्थी हेतु पात्रता

  1. आवेदिका का परिवार झारखंड राज्य का राशन कार्ड धारक हो।
  2. युवती का आधार कार्ड उपलब्ध हो।
  3. विवाह निबंधन प्रमाण पत्र हो।
  4. युवती का नाम झारखंड राज्य की मतदाता सूची में दर्ज हो।
  5. यह विवाह का प्रथम अवसर हो, हालांकि विधवा विवाह को योजना में सम्मिलित किया गया है।
  6. विवाह के 1 वर्ष के भीतर आवेदन देना अनिवार्य होगा।
  7. परिवार के पास निम्नलिखित 14 बहिष्कार मानदंडों में से कोई भी नहीं होना चाहिए:
    • दो या तीन पहिया मोटर वाहन
    • मशीनीकृत कृषि उपकरण
    • किसान क्रेडिट कार्ड (₹50,000 से अधिक क्रेडिट सीमा)
    • परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी न हो
    • परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय ₹10,000 से अधिक न हो
    • आयकर का भुगतान न करता हो
    • पक्की दीवारों और छत के साथ 3 या अधिक कमरे न हों
    • रेफ्रिजरेटर, लैंडलाइन फोन का स्वामित्व न हो
    • सिंचित भूमि 2.5 एकड़ से अधिक न हो
    • दो या अधिक फसल के लिए 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि न हो
    • सिंचाई उपकरणों के साथ 7.5 एकड़ से अधिक भूमि न हो।

अपवाद

इस योजना में अनाथ बालिकाओं और संप्रेक्षण गृह की पूर्व संवासी कन्याओं को राशन कार्ड की अनिवार्यता से छूट प्रदान की गई है। हालांकि, इसके लिए बाल कल्याण समिति का प्रमाण-पत्र आवश्यक होगा।

आवेदन प्रक्रिया

  1. आवेदन पत्र बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में जमा किया जाएगा।
  2. निम्नलिखित दस्तावेजों की स्वअभिप्रमाणित प्रतियाँ संलग्न करनी अनिवार्य होगी:
    • राशन कार्ड
    • मतदाता पहचान पत्र
    • विवाह निबंधन प्रमाण पत्र
    • दहेज नहीं देने संबंधी घोषणा पत्र (मूल प्रति)
    • आधार कार्ड
    • विधवा विवाह की स्थिति में पूर्व पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र
    • बैंक पासबुक
    • परिवार के पास 14 बहिष्कार मानदंडों में से कोई भी नहीं होने संबंधी घोषणा-पत्र (मूल प्रति)

कार्यान्वयन प्रक्रिया

  1. बाल विकास परियोजना कार्यालय में प्राप्त आवेदनों की जाँच महिला पर्यवेक्षिका द्वारा की जाएगी।
  2. सत्यापन के बाद बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा अनुशंसा की जाएगी और आवेदन जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को भेजा जाएगा।
  3. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद लाभुक के बैंक खाते में योजना की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो रही है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देती है।

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