
झारखंड, भारत – प्रदेश में ठंड अपने चरम पर है और आगामी दिनों में राहत की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। गुमला जिले ने पूरे राज्य में सबसे ठंडे स्थान के रूप में दर्जा पाया है, जहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड का यह प्रकोप 31 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है। कोहरे और शीतलहर के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है, और लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े और अलाव का सहारा ले रहे हैं।
16 जिलों में सर्दी का असर, गुमला सबसे ठंडा
झारखंड के ज्यादातर जिलों में सर्दी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुमला, जो राज्य का सबसे ठंडा जिला बना हुआ है, वहां का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तक गिर गया है।
- रांची: 9 डिग्री सेल्सियस
- हजारीबाग: 9.5 डिग्री सेल्सियस
- दुमका: 9.2 डिग्री सेल्सियस
- चतरा: 9 डिग्री सेल्सियस
इसके अलावा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, और लोहरदगा जैसे जिलों में भी तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है। राज्य में सर्दी का यह प्रकोप आगामी सप्ताह तक रहने की संभावना है।
शीतलहर और कोहरे ने बढ़ाई परेशानी
झारखंड में शीतलहर के कारण सुबह और रात के समय ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के कारण तापमान में यह गिरावट हो रही है। कोहरे की वजह से दृश्यता भी कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है।
रांची मौसम विभाग के निदेशक ने बताया, “राज्य में 31 जनवरी तक सर्द हवाओं और गिरते तापमान का सिलसिला जारी रहेगा। कुछ जिलों में शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। तापमान में और गिरावट की संभावना है।”
स्कूलों और दफ्तरों पर ठंड का असर
ठंड के प्रकोप को देखते हुए कई जिलों के प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर दी है या स्कूल का समय बदल दिया है। प्राथमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों को विशेष राहत देते हुए प्रशासन ने स्कूलों को सुबह देरी से खोलने का आदेश दिया है।
कई सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में भी कर्मचारियों को सुबह देरी से आने की छूट दी गई है। कामकाजी लोग खासतौर पर सुबह और शाम के समय ठंड से परेशान नजर आ रहे हैं।
स्वास्थ्य पर ठंड का प्रभाव
ठंड का सबसे अधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड से बचाव के लिए सलाह दी है कि लोग ज्यादा समय तक बाहर न रहें और गर्म कपड़े पहनें।
- बुजुर्गों और हृदय रोगियों को ठंड से विशेष रूप से बचने की चेतावनी दी गई है।
- बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उनकी गर्म कपड़ों की पूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
- डॉक्टरों ने ठंड के कारण बढ़ते खांसी, जुकाम और फ्लू के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की है।
प्रशासन और स्थानीय स्तर पर उठाए गए कदम
सर्दी से बचाव के लिए झारखंड प्रशासन ने अलाव जलाने और गरीब परिवारों को कंबल बांटने का अभियान चलाया है। रांची, धनबाद, और जमशेदपुर जैसे प्रमुख शहरों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए रैनबसेरों की व्यवस्था की गई है।
रांची के उपायुक्त ने बताया, “हमने कड़ाके की ठंड को देखते हुए अलाव और रैनबसेरों की संख्या बढ़ाई है। जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचाव के लिए हर संभव मदद की जा रही है।”
ठंड से बचाव के टिप्स
मौसम विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड से बचाव के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- ऊनी और गर्म कपड़े पहनें।
- सर्दी से बचने के लिए गुनगुना पानी पीते रहें।
- दिन में गर्म सूप या जड़ी-बूटियों से युक्त चाय का सेवन करें।
- सुबह और देर रात के समय बाहर जाने से बचें।
- बच्चों और बुजुर्गों को गर्म वातावरण में रखने का प्रयास करें।
ठंड ने दिया जनजीवन पर असर
ठंड के कारण मजदूर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। दिहाड़ी मजदूर और फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों को ग्राहकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि क्षेत्र में भी सर्दी का असर देखने को मिल रहा है, जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड में जारी सर्दी के प्रकोप ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। राज्य में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है और 31 जनवरी तक ठंड से राहत की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों को मिलकर ठंड से निपटने के उपाय करने होंगे। जरूरतमंदों की सहायता करने और स्वास्थ्य का ध्यान रखने से इस कड़ाके की सर्दी का सामना करना संभव होगा।