
रांची:- झारखंड के पर्यटकों के लिए एक नई और रोमांचक योजना तैयार की जा रही है, जिसमें राज्य के तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर बनाई गई है, और यह बिहार के राजगीर की तर्ज पर लागू की जाएगी। इससे न केवल झारखंड के पर्यटन क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा, बल्कि राज्य को एक नया और आकर्षक पर्यटन स्थल भी प्राप्त होगा।
ग्लास ब्रिज का निर्माण: झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर
राज्य के रांची जिले के दशम फॉल, हुंडरू फॉल और नेतरहाट के मंगोलिया प्वाइंट पर ग्लास ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इन तीन प्रमुख स्थलों को चुना गया है क्योंकि ये स्थल प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं। इन स्थानों पर ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक की सुविधा से न केवल पर्यटकों का अनुभव और भी रोमांचक होगा, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी वैश्विक पहचान मिलेगी।
पर्यटन विभाग ने इन परियोजनाओं के लिए आवश्यक जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है और अब तक राजगीर में ग्लास ब्रिज निर्माण करने वाली परामर्शी कंपनी से संपर्क किया है। इस परामर्शी कंपनी को इन तीनों स्थानों पर ग्लास ब्रिज बनाने के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट: सुरक्षा और डिज़ाइन पर फोकस
इस रिपोर्ट में पर्यटकों की संभावित संख्या, साइट की पूरी जानकारी, ज़मीन का अधिग्रहण, ब्रिज का डिज़ाइन, सुरक्षा मानकों और मेंटेनेंस मॉडल जैसी सभी जरूरी जानकारियाँ शामिल होंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन ग्लास ब्रिजों की सुरक्षा के मानक उच्चतम स्तर के हों और पर्यटकों के अनुभव को और भी सुखद और सुरक्षित बनाया जा सके। इसके अलावा, कंपनी को इन स्थानों पर आनेवाले पर्यटकों की संख्या का अनुमान लगाने के साथ-साथ उन जगहों से जुड़ी अन्य आवश्यक जानकारी जुटाने का काम सौंपा गया है।
पर्यटन में नया मोड़: ग्लास ब्रिज का आकर्षण
ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक के निर्माण से राज्य में साहसिक और प्राकृतिक पर्यटन को एक नया दिशा मिलेगी। ग्लास ब्रिज पर्यटकों को एक नई और अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें वे ब्रिज पर चलने के दौरान न सिर्फ हवा में लटकते हुए महसूस करेंगे, बल्कि नीचे की ओर देख कर सुंदर घाटियों, झरनों और जंगलों का दृश्य भी देख सकेंगे।
इससे पहले, देश में केवल दो ही ग्लास ब्रिज स्थापित किए गए हैं—पहला सिक्किम के पेलिंग में और दूसरा बिहार के राजगीर में। इन दोनों स्थानों पर ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक का अनुभव पर्यटकों के लिए बेहद रोमांचक साबित हुआ है, और अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में भी इस तरह के ब्रिज पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
झारखंड में पर्यटन के विकास के लिए एक नया कदम
ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक के निर्माण से झारखंड के पर्यटन क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करना है, बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों को आकर्षित करना है। इन संरचनाओं के निर्माण के बाद, झारखंड को एक नए पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिल सकती है। यह परियोजना राज्य में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी, क्योंकि इन परियोजनाओं के निर्माण और संचालन के दौरान स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
देशभर में लोकप्रियता की ओर
ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक को लेकर देशभर में तेजी से रुचि बढ़ी है। सिक्किम और बिहार में इनकी सफलता के बाद, झारखंड में भी इनका निर्माण पर्यटन को बढ़ावा देने में एक अहम कदम साबित हो सकता है। झारखंड में इनकी स्थापना से राज्य के पर्यटकों के अनुभव में न केवल रोमांच जुड़ा होगा, बल्कि यह भारत के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों के मुकाबले इस राज्य को एक विशेष स्थान दिला सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह पहल राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मददगार साबित हो सकती है। राज्य सरकार का मानना है कि इस प्रकार की परियोजनाओं से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यटन के माध्यम से राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकेगा।
झारखंड में ग्लास ब्रिज और स्काई वॉक की योजना राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। यह न केवल पर्यटकों को नए और रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि राज्य को पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाएगा। पर्यटन विभाग द्वारा इस योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह परियोजना राज्य के विकास और आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगी।