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अतुल सुभाष आत्महत्या केस: पत्नी, सास और साले को मिली जमानत, बेंगलुरु कोर्ट का आदेश

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अतुल सुभाष आत्महत्या केस: पत्नी, सास और साले को मिली जमानत, बेंगलुरु कोर्ट का आदेश
नई दिल्ली  (आरएनएस)। बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने अतुल सुभाष आत्महत्या के मामले में आरोपी उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी है। अतुल सुभाष ने तलाक के लिए 3 करोड़ रुपये का भुगतान करने के दबाव के बाद आत्महत्या कर ली थी।

9 दिसंबर को वह अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। उन्होंने 90 मिनट का एक वीडियो और 40 पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें उनकी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा उत्पीड़न का विवरण दिया गया था।

बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया को उसकी मां और भाई के साथ गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 और 3 (5) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।

पूछताछ के दौरान निकिता ने अपने पति के खिलाफ उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया था। सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया ने मामले में जमानत के लिए बेंगलुरु की सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

उन्होंने पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय से सत्र अदालत को उनकी जमानत याचिका का निपटारा करने का निर्देश देने की अपील की थी। उच्च न्यायालय ने सत्र अदालत को आज याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया।
14 दिसंबर को निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी मां और भाई अनुराग को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से अरेस्ट किया गया था।

34 वर्षीय सुभाष अतुल वैवाहिक मुद्दों के कारण अपनी पत्नी से अलग रह रहा था। उसने अपनी पत्नी, रिश्तेदारों और उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश द्वारा उत्पीड़न और जबरन वसूली के प्रयासों का विवरण देते हुए एक वीडियो और 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा था।

उसने अपनी पत्नी और उसके रिश्तेदारों पर झूठे मामलों और लगातार यातना के माध्यम से उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। बता दें कि सुभाष और सिंघानिया की शादी 2019 में हुई थी। साल 2020 में उनका एक बेटा हुआ था।

उसके माता-पिता ने अपने चार वर्षीय पोते की कस्टडी मांगी थी। सुभाष के पिता पवन कुमार ने कहा था, मेरा बेटा अंदर से टूट चुका था। अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी उसने किसी को इस बारे में नहीं बताया।

उसके सुसाइड नोट में यह भी लिखा था कि उसके माता-पिता को उसके बच्चे की कस्टडी दी जाए।

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