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अतिक्रमणकारियों के कब्जे में महुआडांड़ मुख्य बाजार

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अतिक्रमणकारियों के कब्जे में महुआडांड़ मुख्य बाजार


संवाददाता,
महुआडांड़/लातेहार:-महुआडांड प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार समेत मुख्य सड़कों पर दोनों ओर से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। जिससे आए दिन शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। जिसका खामियाजा राहगीरों एवं आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। वही इस समस्या के निराकरण के लिए स्थानीय प्रशासन के पास भी कोई इंतजाम नहीं है। प्रत्येक दिन दोपहर के बाद शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है जहां आवागमन में लोगों को भारी समस्या आती है इसका मुख्य कारण है दोनों तरफ से दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण। महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत कुल 106 गांव आते हैं। प्रखंड मुख्यालय होने की वजह से सभी गांव से ग्रामीण यहां के मुख्य बाजार पहुंचते हैं। कई वर्षों से प्रखंड प्रशासन एवं अधिकारियों के द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर कोई भी कार्रवाई नहीं किए जाने से अतिक्रमणकारियों का हौसला भी बुलंद है।


मुख्य बाजार में बने सब्जी मंडी सेड पर भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा


महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के सैकड़ो महिलाएं एवं पुरुष किसान जो की सब्जी की खेती कर बाजारों में बिक्री कर अपनी अर्थव्यवस्था चलते आ रहे हैं। मुख्य रूप से प्रखंड की आदिवासी महिलाएं स्वरोजगार को अपना कर लंबे समय से अपने घर परिवार और बच्चों की पढ़ाई लिखाई में महत्वपूर्ण योगदान करती आ रही है। लेकिन इनका हौसला तब कमजोर होता है जब बाजारों में पहुंचने पर सब्जी बिक्री करने के लिए इन्हें जगह तक नहीं मिल पाती। बाजार पहुंचने के बाद ये डर-डर की ठोकर खाने को मजबूर होते हैं। मुख्य बाजार में 84 डिसमिल पर सेड बनाकर सरकार की तरफ से सब्जी मंडी के रूप में उपलब्ध कराया गया था। जिस पर कुछ दुकानदारों के द्वारा शेड के अंदर गुमटी अथवा सटरगेट लगाकर एवं अन्य तरीकों से अतिक्रमण कर लिया गया है।
सरकारी सेड तोड़कर अवैध कब्जा करते हुए कर रहे हैं गुमटी का निर्माण
मुख्य बाजार पर बने सरकारी सेड काफी जर्जर हो गए हैं जिसका लाभ उठाते हुए कई दुकानदार अवैध कब्जा करते हुए सेड को तोड़कर गुमटी अथवा शटर गेट लगाने का कार्य कर रहे हैं। जिस पर प्रखंड प्रशासन की पूरी तरह मौन है। सब्जी विक्रेता संघ की आदिवासी महिलाओं ने तत्कालीन एसडीएम विपिन कुमार दुबे से बाजार में जगह दिलाने की मांग की थी। प्रखंड के विभिन्न गांवों से प्रतिदिन सैकड़ो आदिवासी पुरुष एवं महिलाएं सिर पर सब्जी की टोकरी लेकर बेचने पहुंचतीं हैं। जिन्हें सब्जी रखकर बचने के लिए स्थान तक नहीं मिल पाता। मुख्य बाजार पर 84 डिसमिल में बाजार शेड बना कर सरकार ने सब्जी मंडी उपलब्ध कराया था। जहां कुछ दुकानदारों के द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है। सब्जी मंडी नहीं होने की वजह से सब्जी विक्रेता सड़क पर बैठने को मजबूर होते हैं अपनी इसी परेशानी को देखते हुए शेड को अतिक्रमण मुक्त करते हुए जगह दिलाने की मांग इन्होंने तत्कालीन एसडीएम विपिन कुमार दुबे से की थी। जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी विपिन कुमार दुबे ने कृषकों को जल्दी बाजार में स्थान दिलाने का आश्वासन दिया था। साथ ही त्वरित कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी संतोष कुमार बैठा को निर्देशित करते हुए कहा कि बाजार में बने हुए शेड को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए अवैध तरीके से बाजार में रखे गुमटी अथवा अन्य तरीके से अतिक्रमण किए स्थान को अतिक्रमण मुक्त करते हुए सब्जी बिक्री करने के लिए बाजार दिलाए जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान उनका तबादला हो गया। जिसके बाद किसने की मांग भी ठंडे बस्ते में चली गई। चुनाव के दौरान आदिवासियों का हमदर्द करने वाली पार्टियों एवं उनके जनप्रतिनिधि भी कभी इनकी समस्या के लिए आगे नहीं आए।

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