
रामगढ़:- मंगलवार को भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई विकास कार्यालय, रांची द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन टाउन हॉल भवन रामगढ़ में किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना रहा।
कार्यक्रम का उद्घाटन इंद्रजीत यादव, संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई विकास कार्यालय, रांची तथा उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करकिया गया। कार्यक्रम के संयोजक गौरव, सहायक निदेशक द्वारा उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
इंद्रजीत यादव, संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई विकास कार्यालय, रांची ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराया एवं यह बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5) प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
संजीव कुमार, एलडीएम, रामगढ़ ने कार्यक्रम के उद्घाटन में अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक 17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री के द्वारा डिजिटली शुरुआत की गई थी। ‘भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।उद्घाटन सत्र में उपेन्द्र कुमार शाह, डीडीएम, नाबार्ड, रामगढ़, शिरीशपति त्रिपाठी, डीईसी, मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग बोर्ड, रामगढ़, एवं अंशुमन सिंह, ईओडीबी प्रबंधक, रामगढ़ आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।शशि शुक्ला, वरिष्ठ प्रबंधक, सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), रांची ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।गौरव, सहायक निदेशक ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। रामगढ़ जिले के लगभग 200 से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों ने इस जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किया।