
मुखिया तथा बिचौलिये द्वारा राशि का बन्दरबाँट
महेशपुर/पाकुड़
निर्मल कुमार साह की रिपोर्ट,
महेशपुर:- प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में लाखों की लागत से निर्मित डोभा निर्माण सफेद हाथी साबित हो रहा है।सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के नाम डोभा निर्माण में व्यापक अनियमितता बरती गई। किसानों के खेतों में भले ही हरियाली नहीं आई, परंतु बिचौलियों ने अपने घर को हरा-भरा जरूर कर लिया।पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद भी मनरेगा कार्य आज भी बिचौलियों के गिरफ्त में है। लाभुक आर्थिक रूप से संपन्न नहीं होने के कारण तालाब, सिंचाई कूप, सड़क निर्माण आदि का काम बिचौलियों के हवाले कर देते हैं जिससे विकास कार्यो में अनियमितता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अधिकांश डोभा के निर्माण में प्राक्कलन की अनदेखी की गई है।अब बात करे यदि महेशपुर प्रखंड के अंतर्गत अभूआ पंचायत के अभूआ गांव का जो इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है।चर्चा किसी कल्याणकारी योजनाओं भलाई या अच्छाई की नहीं है अपितु भ्रष्टाचार से सम्बन्धित है।बताते चलें की अभूआ पंचायत के अभूआ गांव में बानेश्वर मुर्मू की जमीन पर वित्तीय वर्ष 2022-23में डोभा निर्माण कराया गया है, जिसका क्षेत्रफल 90*90 है।परंतु योजना के अनुरूप ना तो कोई कार्य किया गया है ना ही कार्य की गुणवत्ता अच्छी है।ऐसा प्रतीत होता है जैसे योजना के नाम पर खानापूर्ति की गई हो। योजनाओं को जैसे तैसे पूरा कर सरकारी राशि की निकासी कर बंदरबांट किया गया है।संबंधित कर्मियों को जनता के हितों का ध्यान नहीं अपितु सिर्फ उन्हें अपनी जेबें गर्म करनी है।भ्रष्टाचार के इस खुले खेल में ना तो संबंधित अधिकारियों का ध्यान है और ना ही जनप्रतिनिधियों का। जिसका फायदा मुखिया,पंचायत सचिव तथा रोजगार सेवक जैसे कर्मी उठाते हैं,तथा जनता को ठगने का काम करते है।विभाग से अपील है की मामले को संज्ञान मे लेकर त्वरित कार्यवाही की जाय।