
मनिका:- प्रखंड मुख्यालय स्थित हाई स्कूल खेल मैदान में दिन शुक्रवार को हाई स्कूल खेल मैदान से लेकर प्रखंड कार्यालय मनिका में सैकड़ो मजदूरो ने रैली निकालकर मजदूर ने 600 रुपए प्रतिदिन मजदूरी लागू करो,साल में 200 दिन काम की गारंटी करो,फर्जी मजदूरों का जॉब कार्ड निरस्त करो, हर हाथ को कम दो का नारा लगाते हुए प्रखंड परिसर में एक सभा में तब्दील हो गई। नरेगा सहायता केंद्र से श्यामा सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहीं की हम लोगों को नरेगा लागू हुए 18 साल हो गया इसके बावजूद भी वास्तविक मजदूरों को समय से काम मांगने पर भी काम नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। साथी बिचौलिया एवं फर्जी मजदूरों को प्रखंड विकास पदाधिकारी के मिली भगत से हर सप्ताह काम उपलब्ध कराया जा रहा है।आगे सिंह ने कहा कि हम सभी मजदूर को छोट छोट ग्रुप बनाकर काम मांगने की जरूरत है। जिला प्रशासन को पुन रोजगार दिवस पंचायत सचिवालय में शुरू किया जाए। वहीं सक्रिय मजदूर जानहों के शिवलाल उरांव ने कहा कि जानहों गांव के बैर टोला में हम सभी मजदूर ने नरेगा सहायता केंद्र के सहयोग से आम बगवानी योजना करवाए हैं योजना का निर्माण हुआ जिससे अभी हम लोगों ने आम भी बेच रहे हैं आम के नीचे मिश्रित सब्जी भी उगते हैं सभा में उपस्थित मजदूरों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने अधिकार जानने के लिए हर माह मनरेगा सहायता केंद्र मनिका में मासिक बैठक में जरूर भाग ले सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप रजक ने मंच संचालन करते हुए कहा कि आज झारखंड मनरेगा वॉच एवम मनरेगा सहायता केंद्र के संयुक्त रूप से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के लागू हुए 18 वर्ष पूरे हो गए है यह कानून मजदूरों के संघर्ष के बदौलत ही देश के संसद में पारित हुआ था। प्रत्येक वर्ष देश भर में विभिन्न श्रमिक संगठन अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसी ऐतिहासिक दिन को याद करते है रजक ने कहा कि जब अधिनियम के तहत 15 दिन में काम 15 दिन में भुगतान करने की प्रक्रिया है। तो इसे भारत सरकार काम भुगतान समय करें ताकि मजदूर पलायन करने से रुके साथ ही ईमानदारी से काम करने वाले मजदूरों को गैंता कोरी टोकरी देकर सम्मानित किया गया। अंत में मजदूरों के द्वारा निम्न मांग प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम पर सौपा।
- 1 सभी नरेगा श्रमिकों के लिए 15 दिनों के भीतर भुगतान की गारंटी दी जाए राज्य में मनरेगा श्रमिकों का 257 करोड़ बकाया का भुगतान तत्काल सुनिश्चित किया जाए
- 2 वेतन भुगतान में देरी के लिए स्वत मुआवजा साथ ही मुआवजे के मानदंड को बढ़ाकर। 0 5./.देय राशि का प्रतिदिन किया जाए 3 नरेगा मजदूरी में पर्याप्त वृद्धि तथा सुनिश्चित करना कि मजदूरी किसी भी राज्य में राज्य की न्यूनतम मजदूरी से कम ना हो 4 ऐप आधारित उपस्थित प्रणाली और भुगतान प्रणाली अनिवार्य किए जाने के श्रमिकों को असंख्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इसे तत्काल बंद किया जाए 5 पर्याप्त बजट आवंटन जारी करना ताकि मांग के आधार पर बढ़ी हुई मजदूरी दर पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसी भी मतभेद को उनके द्वारा मजदूरों को काम करने की अधिकार और भुगतान को नुकसान पहुंचाए बिना आपस में हल किया जाए 6 मनरेगा श्रमिकों को साल में 200 दिन काम की गारंटी की जाए और इसे प्रति प्रति बेशक काम के अधिकार की गारंटी की जाए ना कि एक परिवार को शाल में100 ही दिन का काम की गारंटी इस सभा में उपस्थित दिलीप रजक प्रेमा सिंह लाल बिहारी श्यामा सिंह पीयूष कुमार मौजूद थे