
- धंधेबाजों में प्रशासन का कोई खौफ नहीं
कोटालपोखर/साहेबगंज:- कोटालपोखर थाना क्षेत्र के बड़ासोनाकड़ पंचायत मे प्रतिबंधित लॉटरी व जुआ अपना पैर पसार चुका है।लॉटरी की कीमत कम होती है, लिहाजा अधिकांश गरीब लोग आसानी से धंधेबाजों के जाल में फंस जाते हैं और अमीर बनने की फिराक में लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को गंवा देते हैं।अब अवैध लॉटरी का धंधा इस तरह से फल-फूल रहा है कि मानो धंधेबाज कोई दुकान चला रहा हो।इस गोरखधंधे के जरिए कई धंधेबाज करोड़पति बन चुके हैं। जबकि लॉटरी खरीदने वाले लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खो रहे हैं,खासकर रिक्शा चालक, फुटपाथी दुकानदार आदि। इस पूरे खेल के पीछे सफेदपोश लोग शामिल हैं।जिनके संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है।जो पर्दे के पीछे से पूंजी लगाते हैं,बिना रोक-टोक के धंधेबाजों का धंधा चले इसकी व्यवस्था करते हैं।लोग खेतों जुआ को लेकर अधिकतर समय व्यतीत कर रहे हैं।हालांकि यह कागजों तक ही सीमित रहा।कभी कभार छापेमारी की भी जाती है। दो-चार लोगों को गिरफ्तार कर अभियान की खानापूर्ति कर ली जाती है।नतीजतन शहर से लेकर गांव तक में नंबर लॉटरी व जुआ का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। इसके खिलाफ समुचित कार्रवाई हो इसे लेकर पुलिस पूरी तरह से मंद है।दुनिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। सरकारी दफ्तर अथवा निजी, फुटपाथ के दुकानदार हों या बड़े व्यवसायी, सभी कागज को अलविदा कह चुके हैं। जहां नहीं हुआ वहां डिजिटल बनने की तैयारी चल रही है।ऐसे में लॉटरी धंधेबाज भी हाईटेक हो चुके हैं।
एक जमाना था कि धंधेबाज चोरी-छिपे कागज पर बने लॉटरी व जुआ के टिकट बेचकर मालामाल हो रहे थे।अब इस धंधे को डिजिटल रूप भी दे चुके हैं।मसलन,ऑनलाइन जुओं का भी खेल चल रहा है।चंद रुपये में नंबर बेचने वाले डिजिटल माध्यम आदि के जरिय भुगतान ले रहे हैं। लॉटरी व जुआ का ड्रा भी ऑनलाइन होता है।राज्य सरकार ने लॉटरी खेलने व खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रविधान किया है।इसके खिलाफ धारा 294 ए, 420 आदि धारा के तहत कार्रवाई की जाती है।धारा 294 ए के तहत लॉटरी कार्यालय रखने पर छह माह के कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। लॉटरी संबंधित प्रस्ताव को छापना या प्रकाशित करने को भी अपराध के श्रेणी में रखा गया है।इसमें जुर्माने का प्रविधान है। बावजूद इसके थाना क्षेत्र के अंतर्गत धड़ल्ले से प्रतिबंधित लॉटरी का कारोबार जारी है।