
लातेहारः- मंगलवार को झारखंड आंदोलनकारी का एक आपातकालीन बैठक मुरली प्रसाद के आवास पर हुई।इसकी अध्यक्षता झारखंड आंदोलनकारी मुरली प्रसाद ने किया।1जनवरी को बरवाहीह मंडल सड़क देखने के क्रम में मोरवाई पंचायत के मुखिया आशीष सिंह एवं ग्राम चमरडीहा बढ़निया, सैदुप, मोरवाई, ततहा एवं मंडल गांव के ग्राम प्रधान द्वारा पूर्व में की गई ग्राम सभा के बैठक की एक प्रति झारखंड आंदोलनकारीयों को दिया एवं सड़क कि जर्जर स्थिति से अवगत कराया। ग्रामीणों की आम सहमति द्वारा 1972 में बनी,बरवाडीह-मंडल सड़क जो काफी जर्जर हो चुका है। के विषय में ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया गया दिये गये आवेदन में लिखा है कि बरवाडीह-मंडल सड़क नहीं बना तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।बैठक में झारखंड आंदोलनकारीयों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ग्रामीणों की मांग जायज है। रोड 1972 में बनने के बाद से अभी तक सड़क मरम्मती का काम कागजों पर हुआ है जमीनी स्तर पर नहीं, सड़क की स्थिति इतनी जर्जर है की बरवाडीह से मंडल 26 किलोमीटर जाने में कई घंटे का समय लग जाता है।
झारखंड आंदोलनकारीयों द्वारा निम्नलिखित प्रस्ताव पास किए गए:1 झारखंड आंदोलनकारी ग्रामीणों के नारा “रोड नहीं तो वोट नहीं” चुनाव के बहिष्कार का समर्थन करती है तथा 03 जनवरी 2024 को जयपाल सिंह मुंडा के जन्म दिवस के अवसर पर रोड जाम एवं आर्थिक नाकेबंदी एवं रेल चक्का जाम करने की घोषणा भी करेगी।
2.इस दिन ग्राम सभा में पारित बरवाडीह-मंडल रोड निर्माण के आवंटन को राज्यपाल एवं राष्ट्रपति के नाम बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपेगी ।
3 ग्राम सैदूप में सैदूप से छिपादोहर जाने के लिए एक मात्र पुल जो आज से 15 वर्ष पहले नदी के बाढ़ में बह गया उस पुल के निर्माण कि माँग ग्रामीणों द्वारा वर्षों से किया जा रहा है मगर सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के कारण आज तक पुल का निर्माण कार्य नहीं किया गया, बीते वर्ष बरसात में दर्जनों लोग एवं मवेशियों को प्राण गवना पड़ा। अभिलंब पुल निर्माण नहीं किया गया तो रेल का चक्का जाम करेंगे।की एक4.वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा मंडल डैम के लिए शिलान्यास किया गया मगर आज तक मंडल हैम का निर्माण कार्य चालू नहीं हुआ आंदोलनकारीयों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की विस्थापितों को पुनर्वास मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देते हुए मंडल डैम का निर्माण कार्य शुरू करें। एक माह के अंदर अगर कार्य शुरू नहीं किया गया तो बाध्य होकर आंदोलनकारी रेल का चक्का जाम करने तथा इधर से जाने वाली मालगाड़ीयों को रोक देंगे इस बैठक में मुख्य रूप से मुरलीधर प्रसाद, नागेंद्र प्रसाद, विरेन्द्र ठाकुर, राकेश कुमार, मकसूद आलम, हरिनन्दन भगत, धूरबिगन सिंह इत्यादि उपस्थित थे।