- ओने पौने दामों बेच सरकार को लगाते हैं करोड़ों की चुना
- सीसीएल,एनटीपीसी, मगध रेलवे आदि कंपनियों का कीमती पार्ट्स पुर्जे पहुंचते हैं कबाड़खाने में
- नित्य प्रतिदिन रात के अंधेरे में कबाड़खाने में पहुंचता है कीमती सामान
- शिक्षा विभाग का निःशुल्क किताबे तक पहुंच रहा है कबाड़ खाने में
- बच्चों के हाथ से निःशुल्क किताब गायब, पहुंच रहा है कबाड़खाने
सिमरिया :- प्रखण्ड क्षेत्र में इन दिनों कबाड़खाने के संचालक मालामाल हो रहे हैं। साथ हीं टंडवा के एनटीपीसी, मगध,सीसीएल, अम्रपाली, रेलवे साइडिंग का वेशकीमती पार्ट्स पुर्जे धड़ल्ले से इन्ही कबाड़खाने में बेचे जा रहे हैं और सरकार को करोड़ो का चूना लग रहा है।प्रखण्ड क्षेत्र के कबाड़खाने की बात करें तो सतीश सिंह सिमरिया कुट्टी में,मुस्लिम मियां डाड़ी के बकचौमा में,नेजाम अंसारी डाड़ी के बकचौमा में, छोटू कसेरा बगरा चौक, मुमताज मियां बगरा चौक, माजिद मियां बगरा जबड़ा रोड़, मो जहांगीरा सिमरिया आदि कबाड़ खाने मौजूद हैं। कबाड़े के लोग रात के अंधेरे में उक्त कम्पनीयों से मिश्रौल धनगड़ा के रास्ते सैकड़ो दो पहिया एवं चार पहिया वाहन से इन्हीं कबाड़खाने में कीमती समानो का खरीद बिक्री कर दी जाती है। अगर वास्तविकता से इन सभी कबाड़खाने की जांच की जाय तो कई कीमती सामान इनके कबाड खाने से मिलेंगे। कबाड़खाने के संचालकों से पूछे जाने पर उन्होंने ने बताया कि इस धंधे में टंडवा क्षेत्र व अन्य कुछ लोगों से मैनेज किया रहता है। वहीं शिक्षा विभाग की बात यदि करें तो झारखण्ड सरकार बच्चों के हाथों में जहां पढाई के लिए निःशुल्क किताब वितरण करती है। वहीं उक्त किताबे बच्चों के हाथ में ना होकर झारखण्ड सरकार का निःशुल्क किताब कबाड खाने में धड़ल्ले से शिक्षक लोग बेच रहे हैं। यही कारण है कि अब बच्चों के हाथ से निःशुल्क किताब अब दूर होता नजर आ रहा है।