
लातेहार :- धर्मपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि अजय कुमार श्रीवास्तव, लालिमा( पूर्व आचार्या), विद्यालय प्रबंधन कार्यालय समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार ठाकुर, विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की भूमिका विद्यालय के आचार्य कपिल देव प्रमाणिक के द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि आज के बाजारवादू संस्कृति में बच्चे पल बढ़ रहे हैं।
वे केवल अपने माता-पिता को ही अभिभावक के रूप में पहचानते हैं वे जानते नहीं है कि दादा- दादी, नाना-नानी कौन है? और परिवार में उनकी भूमिका क्या है ? इसके पश्चात सभी भैया बहन अपने दादा- दादी, नाना-नानी के पांव धोकर, उनका तिलक लगाकर, आरती करके एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अगले कड़ी में कक्षा अरुण के भैया बहनों के द्वारा वेलकम गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसे देखकर दादा-दादी, नाना- नानी मोहित हो गए। साथ ही उदय के भैया बहनों द्वारा नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए श्गाने पर कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसे देखकर दादा दादी और नाना नानी ने खूब तालियां बजाई।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजय कुमार श्रीवास्तव कहा कि आज के समय मे इस तरह के कार्यक्रम को करना सराहनीय विषय है, आज के बच्चे अभिभावक मतलब माता-पिता को ही समझते हैं, बच्चों के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में दादा-दादी नाना-नानी का विशेष योगदान होता है हमें यह याद रखना चाहिए।