
लातेहार :- नगर पंचायत क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही रिमझिम बरसात में ही शहर की जो तस्वीर उभर कर सामने आई है, उससे यह तो साफ हो गया है कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। कई स्थानों पर तालाब जैसी स्थिति नजर आई। बरसात रुकने के कई घंटे बाद तक पानी नहीं निकल सका। जब पानी उतरा तो बजबजाहट ने मुश्किलें खड़ी कीं। अब सवाल उठ रहा है कि मानसून ने अभी दस्तक दी है, तो शहर का ये हाल है, पूरे सीजन में क्या होगा? इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। यदि ड्रेनेज सिस्टम में सुधार नहीं हुआ तो शहरवासियों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। इधर बारिश के कारण सड़कों पर जहां-तहा कूड़ा कचरा पड़ा हुआ है, जिसके कारण बदबू से शहर वासी परेशान है।
रुक-रुक कर होती रही बरसात के कारण शहर के मोहल्ला शिवपुरी , बाजारटांड रोड , सब्जी मार्केट ,बेहराटांड , गीजनियाटांड,बानपुर , चन्दनडीह , स्टेशन रोड,आदि प्रमुख स्थानों पर जलभराव हो गया था।इस संबंध में सरवन पासवान,भोला प्रसाद, राहुल कुमार, अमित रंजन ने बताया की इनके अलावा भी कई गलियां थीं, जहां पर जलभराव से लोग घरों से निकल नहीं पाए। इसके पीछे मुख्य वजह है कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल है। कहीं पर ऐसा नहीं है, जहां से बरसात का पानी आसानी से पास हो सके। जो बड़े नाले हैं, वो गंदगी से पटे पड़े हैं। लोगों का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के नगर पंचायत की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए। यदि नगर पंचायत ने पहले से प्रयास किया होता तो बरसात में शहर में ताल-तलैया नजर नहीं आते।
नालों की नहीं हुई तली झाड़ सफाई
बरसात से पहले हर साल नगर पंचायत द्वारा प्रमुख बड़े नालों की तलीझाड़ सफाई कराई जाती थी, लेकिन इस साल सफाई के नाम पर औपचारिकताएं ही निभाई गईं। लोगों का कहना है यदि नालों की ठीक से सफाई होती, तो पहली बरसात में यह दृश्य देखने को नहीं मिलता।
क्या कहते हैं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी
इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रजीव रंजन कुमार ने पहले पर्चा माँगा उसके कुछ देर के बाद उन्होंने कहा कि पहले आप अपना आईडी कार्ड लेकर आइये उसके बाद ही मैं आपको बयान दूंगा। आप पत्रकार है या नहीं इसकी मुझे जानकारी नहीं है।जबकि इसके पूर्व में भी उन्होंने कई बार विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्ष दिया है।
क्या कहते हैं निवर्तमान नगर पंचायत उपाध्यक्ष
इस संबंध में नि-वर्तमान नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि एक सम्मानित प्रेस रिपोर्टर या आम जनता अगर कुछ जन समस्याओं को लेकर पदाधिकारी के पास जाते हैं तो उनकी समस्याओं को पहली प्राथमिकता देना चाहिए। ना ही उनका आईडी कार्ड और पर्चा मांगना चाहिए। कार्यपालक पदाधिकारी के इस तानाशाही और अफसर शाही रवैये की मैं घोर निंदा करता हूं। वर्तमान सरकार में अफसर शाही और करप्शन चरम पर है।