
लातेहारः- पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।झारखंड सरकार के आत्म समर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर कमलेश सिंह उर्फ मुकेश उर्फ नाना ने शुक्रवार को लातेहार पुलिस कार्यालय में पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन व सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पण करने के बाद एसपी और कमांडेंट ने गुलदस्ता देकर व फूल का माला पहनाकर स्वागत किया। प्रेस वार्ता के दौरान एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि लातेहार जिले में लातेहार पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर की टीम द्वारा लगातार भाकपा माओवादी, जेजेएमपी, टीएसपीसी, पीएलएफआई आदि उग्रवादी संगठनों के खिलाफ लगातार सर्च अभियान चलाई जा रही है। जिससे उग्रवादी संगठन काफी कमजोर हुआ है।
कमलेश कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है। लगातार घटनाओं में सक्रिय के बाद कमलेश सिंह को जेजेएमपी उग्रवादी संगठन द्वारा 2013 में सब जनरल कमांडर बनाया गया था। उसके बाद से वह सतबरवा, लेस्लीगंज, छिपादोहर, गारू, बरवाडीह थाना क्षेत्र में इनका कार्य क्षेत्र रहा।कई उग्रवादी सरेंडर कर रहे हैं। इसी के क्रम में सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर कमलेश सिंह उर्फ मुकेश उर्फ नाना ने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि जो उग्रवादी संगठन या अपराधी विकास के बाधक बनेंगे। उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि जो भी उग्रवादी राह भटक गए हैं। वह सरकार की नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करें नहीं तो पुलिसिया कार्रवाई पर उनकी जान जा सकती है। वहीं कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा की लगातार उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सफलता मिल रही है। इस अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार व उग्रवादियों की गिरफ्तारी हुई है। मौके पर सीआरपीएफ 214 बटालियन के द्वितीय कमांडेंट विनोद कुमार कनौजिया, सीडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा, बारेसांढ़ थाना प्रभारी रंजीत यादव,छिपादोहर थाना प्रभारी अभिषेक कुमार आदि मौजूद थे।आत्मसमर्पण करने के बाद सब जोनल कमांडर कमलेश सिंह ने कहा कि गांव में भाकपा माओवादियों का आना-जाना लगा रहता था। उग्रवादियों के दबाव के कारण 2008 में भाकपा माओवादियों में शामिल हो गए। वहां करीब 2 साल रहे। इसके बाद 2010 में जेजेएमपी उग्रवादी संगठन में शामिल हुए। उसके बाद सरकार के आत्म समर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया। उन्होंने कहा कि जंगल में जो भी साथी भटक गए हैं। उन साथियों से आत्मसमर्पण करने की अपील किया है। उन्होंने कहा कि बंदूक से लड़ाई नहीं जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा लगातार चलाई जा रही है। अभियान से संगठन काफी कमजोर हुआ है। आत्मसमर्पण के दौरान कमलेश की पत्नी व एक बेटा, एक बेटी मौजूद थे।