
- आदिवासियों, मूलवासियों और दलितों के जमीन की रक्षा हर हाल में करेंगे : साजन कुमार
लातेहार:- पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि लातेहार में जमीन की लड़ाई पूरी आक्रमकता के साथ ना केवल लड़ेंगे बल्कि जीतेंगे भी. लेकिन इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत यह है कि यहाँ के आदिवासी, दलित, मूलवासी और सभी ग्रामीण एकजुटता एवं ईमानदारी से अपनी लड़ाई लड़े.
आज लातेहार के कुंदरी मैदान में आयोजित ग्रामीणों की एक सभा को संबोधित करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि, विशेष रूप से लातेहार के सभी विस्थापित गाँव खनिज संसाधन से भरपूर हैं और वहाँ बड़ी कंपनियों और उद्योगपतियों की पैनी नजर है. श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड और यहाँ के लोग हमेशा से अपनी ज़मीन, कोयला और अन्य खनिजो के कारण लुटे जाते रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि लातेहार अपने-आपमें झारखण्ड के संघर्ष और इसके बदलाव का आधार बनेगा क्योंकि अब यहाँ किसी भी हाल में जमीन के मामले पर कोई भी समझौता नहीं होगा.
कांग्रेस नेता ने साजन कुमार ने कहा कि ग्राम सभा की अनुमति के बिना 1 इंच जमीन का भी स्थानांतरण नहीं होगा चाहे इसके लिये जैसी भी लड़ाई लड़नी पड़े या कीमत चुकानी पड़े. साथ ही फ़र्ज़ी ग्राम सभा कर प्रस्ताव पारित करनेवाले तत्वों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिये.
श्री तिर्की ने कहा कि लातेहार के सभी सात राजस्व गाँव में भूमि के सर्वे में बहुत सारी विसंगतियाँ हैं जिसके कारण न केवल सामाजिक बल्कि जमीन की वैसी समस्याएं पैदा ले रही है जो आपसी समरसता को समाप्त कर सभी के बीच तनाव का कारण बन रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व में कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव में लातेहार के सभी सात राजस्व गाँव में भूमि के पुनः सर्वे के लिये आदेश पारित किया जा चुका है लेकिन प्रशासनिक स्तर पर घोर लापरवाही और अदूरदर्शिता के कारण इस मामले में ज़मीनी स्तर पर कोई भी काम नहीं हुआ. श्री तिर्की ने कहा कि इस ज्वलंत मुद्दे पर यदि प्रशासन ने समय की अपेक्षा और गंभीरता के अनुकूल अविलंब कदम नहीं उठाया तो तीव्र आंदोलन किया जायेगा. श्री तिर्की ने कहा कि विशेष रूप से लातेहार के विस्थापित गाँवों में जमीन की समस्या बहुत ज्यादा विकराल है और वहाँ आदिवासियों, दलितों एवं मूलवासियों की जमीन लुटने का खतरा बरकरार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीणों को अपनी लड़ाई हर हाल में स्वयं ही लड़ना होगा और उनका नेतृत्व करने को कांग्रेस हमेशा आगे रहेगी.
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव अमूल्य नीरज खलको ने कहा कि झारखण्ड के आदिवासी और मूलवासी भले ही शांत स्वभाव के हों लेकिन जमीन की रक्षा के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. श्री खलको ने कहा कि अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिये आदिवासियों का इतिहास बहुत पुराना है और प्रकृति के पूजक आदिवासी-मूलवासी और दलित ज़मीन की रक्षा के अपने इतिहास को दोहराने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही कांग्रेस का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल लातेहार के प्रभावित गाँवों का दौरा कर अपना विस्तृत प्रतिवेदन देगा जिससे सरकार को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाये.
आज की सभा में प्रो.तुलेश्वर उरांव साजन कुमार ,रौशन भगत, राजेश उरांव, चंद्रदेव उरांव, महेश्वर उरांव, राजेश उरांव, रवि भगत, सूरज उरांव, राजकुमार जायसवाल, जीतू उरांव ,परमोद उरांव, विनोद उरांव बिजेंदर, संतोष रजक आदि भी उपस्थित थे.
इसके बाद लातेहार परिसदन में एक बैठक के दौरान श्री तिर्की ने लातेहार के अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप को यह निर्देश दिया कि बिना जमीन के सर्वे और विसंगतियों को दूर किये बिना भूमि के अधिग्रहण और मुआवजा पर अविलंब रोक लगायी जाये. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि यदि प्रशासनिक स्तर पर इस बात की जानकारी है की भूमि के दस्तावेजों में अनेक गंभीर विसंगतियां हैं तो आखिर किस आधार पर उन विसंगतियों को दूर किये बिना किसी भी जमीन के अधिग्रहण और उसके मुआवजा वितरण पर रोक नहीं लगायी जा रही है. उन्होंने कहा कि फर्जी ग्राम सभा द्वारा किसी प्रस्ताव को पारित करने की भी गहन जाँच करने के साथ ही वैसे दोषी तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये. सभा के बाद लातेहार परिसदन मे।
बैठक में AC आलोक शिकारी कश्यप कच्छप ने श्री तिर्की को जानकारी दी पलामू के उपायुक्त को भूमि के रिसर्वे के लिये बंदोबस्त पदाधिकारी बनाया गया है. और उन्हें इस संदर्भ में दिशा निर्देश दिये गये हैं. इसके साथ ही सरकार के द्वारा उनसे रिसर्वे के लिए आवश्यक अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही इस संदर्भ में व्यय होने वाली राशि के संदर्भ में विस्तृत प्रतिवेदन की मांग की गयी है. श्री तिर्की ने पुनः दोहराया कि भूमि का अधिग्रहण चाहे किसी भी उद्देश्य से हो पर भूमि का अधिग्रहण और उसके मुआवजा वितरण पर बिना रिसर्वे के अविलंब रोक लगे.।